“अरे बाबा तुमने सेंचुरी बनायी, मैंने नहीं” – सुनील गावस्कर

मुंबई: पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान और ओपनिंग क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने लंबे समय तक अपने ओपनिंग पार्टनर रहे चेतन चौहान के निधन पर बेहद मार्मिक शब्दों में बयां किया है।

गावस्कर ने लिखा कि आजा, आजा, गले मिल, आखिरकार हम जिंदगी के बीच के ओवरों को खेल रहे थे। पिछले दो या तीन दफा जब भी मेरे ओपनिंग पार्टनर चेतन चौहान से मुलाकात होती तब हम एक दूसरे का इसी प्रकार अभिवादन करते थे।

गावस्कर ने आगे लिखा कि उस वक्त वह दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पिच की तैयारी के इंचार्ज थे। हम गले मिलकर जब मैं कहता, “नहीं, नहीं हमें एक और सेंचुरी पार्टनरशिप करनी चाहिएl” और वह ठहाके लगाकर हंसकर कहता, “अरे बाबा तुमने सेंचुरी बनायी थी, मैंने नहीं।”

मैंने कभी सपने भी नहीं सोचा था और मुझे विश्वास नहीं होता कि जिंदगी के बीच के ओवरों में उसके शब्द इतनी जल्द सही हो जायेंगे। मुझे यह विश्वास करने में कठिनाई हो रही है कि मैं अगली दफा जब दिल्ली जाउंगा तब उसकी हंसी और मजाकिया अंदाज वहां नहीं होगा।

सेंचुरी के बारे में मेरा मानना है कि दो मौकों पर चेतन की सेंचुरी नहीं बन पाने के लिए मैं खुद को जिम्मेदार हूं। दोनों मौके आस्ट्रेलिया में आये थे।

एडिलेट के 1981 के टेस्ट में जब वह 97 पर खेल रहा था तब टीम के साथी खिलाड़ियों ने टीवी के सामने से मेरी कुर्सी से खींच लिया और खींचकर प्लेयर्स बॉलकनी में ले जाकर कहा कि मुझे अपने ओपनिंग पार्टनर को चीयर करना चाहिए। मैं प्लेयर्स बॉलकनी में साथी खिलाड़ियों के साथ आ गया। उसी वक्त डेनिस लिली बॉलिंग लेकर आ गये और आप विश्वास नहीं करेंगे चेतन पहली बॉल में आउट हो गया।