पटनाः लोजपा (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने विपक्षी एकता मुहिम के तहत पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक को विफल करार दिया है। लोजपा (रा) के पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए तिवारी ने कहा कि विपक्षी एकता को लेकर देश भर में जिस तरह की चर्चा थी, वैसा कुछ भी नहीं हुआ। उम्मीद थी बिहार की धरती से देश की सियासत में एक बड़ा शंखनाद होगा, लेकिन नहीं हुआ। नीतीश जी की विपक्षी एकता बड़े सियासी धमाके की बजाय टाँय-टाँय फिस्स साबित हुई। नीतीश कुमार का भ्रम दूर हो गया और अब तो वे कहीं मुँह दिखाने के लायक भी नहीं रहे। देश की राजनीति में नीतीश जी पहले से ही अविश्वसनीय रहे हैं और अब अप्रासंगिक हो गए हैं।
तिवारी ने कहा कि विपक्षी दलों की बैठक जिस तरह से अल्प समय में ही समाप्त हो गई और बैठक के तुरंत बाद प्रेस कान्फ्रेंस से पहले ही लोग बगैर अपनी बात रखे वहां से चलते बने, इससे साफ जाहिर होता है कि जिस सोच के साथ बैठक बुलाई गई थी, वह सिद्ध नहीं हुआ। पौने चार घंटे की बैठक केवल फोटो सेशन बन कर रह गई।
लोजपा (रा) नेता ने कहा कि उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक, बसपा प्रमुख मायावती, आंध्रा के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी और तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव सरीखे विपक्ष के कई दिग्गज नेताओं ने तो पहले ही इस बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था और जो शामिल हुए उन्होंने भी अब किनारा कर लिया है।
राजू तिवारी ने कहा कि दरअसल, विपक्षी एकता की बुनियाद ही शर्तों, स्वार्थों और मौकापरस्ती पर आधारित है। हर दल को एक दूसरे से किसी ना किसी वजह से परहेज है, ऐसे में इसके सफल होने की कोई गुंजाइश कभी थी ही नहीं। नीतीश कुमार विपक्षी एकता के अपने इस मिशन में पूरी तरह से विफल हो गए।
तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जनता के पैसों का दुरूपयोग किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार की बदहाली देश-दुनिया में किसी से छिपी नहीं है, लेकिन नीतीश कुमार ने अपने स्वार्थ और महत्त्वाकांक्षा के लिए उसे नज़रअंदाज कर दिया। करोड़ो रुपए जो प्रदेश की जनता पर खर्च होते तो हालात में कुछ सुधार आता, लेकिन नीतीश जी ने ऐसा नहीं किया और उन पौसों को सियासी पिकनीक और फोटो-सेशन पर बरबाद कर दिया। इस बरबादी का जवाब नीतीश जी को जल्द ही जनता के सामने देना होगा।