भारतीय रेलवे में निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला

दीपक सेन
Advertisements

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने रेलवे में निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला लिया। रेल मंत्रालय ने इसके लिए 100 रूट्स की पहचान की है। रेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पूरे देश के रेलवे नेटवर्क को 12 क्लस्टर में बांटा गया है। इन्हीं 12 क्लस्टर में 109 जोड़ी ये प्राइवेट ट्रेनें चलेंगी। रेलवे के मुताबिक हर ट्रेन कम से कम 16 डिब्बे होंगे। ये ट्रेनें अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी। 109 जोड़ी प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफिकेशन (RFQ) मांगा है।

आयेगा 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश

रेल मंत्रालय के मुताबिक इन यात्री ट्रेनों को चलाने के लिए प्राइवेट पार्टनर को आमंत्रित किया गया है। इससे रेलवे में 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश आएगा। गौरलतब है कि पहली बार प्राइवेट कंपनियों को सीधे तौर पर यात्री ट्रेनें चलाने के लिए जिम्मेदारी दी जा रही है। इसका मकसद भारतीय रेल में नई तकनीक का विकास करना है। इससे मेंटेनेंस खर्च को कम किया जा सके। रेलवे का दावा है कि इससे नई नौकरियों के अवसर भी पैदा होंगे। सुरक्षा का भरोसा मजबूत होगा। यात्रियों को वर्ल्ड क्लास यात्रा का अनुभव होगा।

मेक इन इंडिया के तहत बनेंगी ये ट्रेनें

रेलवे ने 35 साल के लिए ये प्रोजेक्ट प्राइवेट कंपनियों को देगी। इन कंपनियों को कई तरह के खर्च वहन करने होंगे। हालांकि ये सभी ट्रेनें भारतीय रेलवे के ड्राइवर और गार्ड ऑपरेट करेंगे। रेलवे के ये 109 जोड़ी सभी ट्रेनें भारत में निर्मित होगी। इससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा। निजी कंपनियों की गाड़ियों के वित्तपोषण, खरीद, संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगी।

Advertisements

Share This Article
मुख्य संपादक
Leave a Comment