Controversy on unlock: विशेषज्ञों को अनसुना कर पीएम मोदी ने हटाया लॉकडाउन

पीएम टास्कफोर्स के अध्यक्ष डॉक्टर वीके पॉल, एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया समेत स्वास्थ्य मंत्रालय और अन्य विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री को लॉकडाउन में छूट के दुष्परिणामों से अवगत करवाया था। वे किसी भी किस्म की छूट दिए जाने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने अपने सहयोगियों की सलाह के आगे उनकी बातों को अनसूना कर दिया और अनलॉक की घोषणा कर दी।

नई दिल्ली: 70 दिनों तक लॉकडाउन के बाद अनलॉक (Unlock 1.0) का निर्णय लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विवादों में आ गए हैं (Controversy on unlock)। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने यह निर्णय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों की सलाह को नज़रअंदाज करते हुए लिया है। उन्होंने विशेषज्ञों की सलाह से ज्यादा अपने उन सहोयोगियों की बातों को तवज्जो दिया, जो हालात का अवलोकन किए बगैर धीरे-धीरे लॉकडाउन खोलने के लिए कह रहे थे।

लोकमत की ख़बर के मुताबिक प्रधानमंत्री टास्कफोर्स के अध्यक्ष डॉक्टर वीके पॉल, एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया समेत स्वास्थ्य मंत्रालय और अन्य विशेषज्ञों ने उन्हें लॉकडाउन में छूट के दुष्परिणामों से अवगत करवाया था। वे किसी भी किस्म की छूट दिए जाने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने अपने सहयोगियों की सलाह के आगे उनकी बातों को अनसूना कर दिया और अनलॉक की घोषणा कर दी।

‘Group of ministers’ का हिस्सा नागरिक उड्डयन और शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी की मानें तो सरकार ने महसूस किया कि 70 दिनों के लॉकडाउन से देश की रफ्तार धिमी पड़ गई है, उसे गति देने के लिए अनलॉक जरूरी है। पूरी के मुताबिक यदि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के हिसाब से देश चलाया जाए तो लॉकडाउन कभी भी कभी भी समाप्त नहीं होगा। अब सबको अपना बचाव स्वयं करना होगा। देश हमेशा के लिए असमंजस पूर्ण बंद की स्थिति में नहीं रह सकता।

कुल मिलाकर लोकमत के दावे के मुताबिक अनलॉक 1.0 (Unlock 1.0) पर विवाद है (Controversy on unlock)। केंद्र सरकार ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण और हरदीप पुरी की बात मानकर ही विशेषज्ञों की बातों को अनसूना किया है और अन्लॉक 1.0 लागू किया।

आपको बता दें पीएम टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉक्टर वीके पॉल ने गत सप्ताह आधिकारिक रूप से दिखाया था कि देश में संक्रमण के आंकड़े कैसे 14  से 29 लाख के बीच पहुंच सकते हैं और मौत के मामले 37 से 78 हजार तक। उन्होंने कुछ विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा था कि देश में COVID- 19 संक्रमितों की संख्या 75 लाख या इससे भी अधिक पहुंच सकती हैं।

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