National Hydrogen Mission: पेट्रोल-डीजल का टेंशन खत्म, अब देश में पानी से चलेंगी कारें!

नई दिल्लीः पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर हाय-तौबा मचाना छोड़िए, क्योंकि अब पानी से भी चलेंगीं कारें। जी, हाँ चौंकिए मत सरकार देश में नेशनल हाइड्रोजन मिशन (National Hydrogen Mission) की शुरूआत करने जा रही है। मिशन के तहत भारत को ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में ग्लोबल हब बनाने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगे को साक्षी मानकर लाल किले की प्राचीर से की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश को लंबी छलांग लगाने में ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) का क्षेत्र बड़ी मदद करेगा। इससे भारत की पेट्रोल और डीजल की मांग घटने पर कच्‍चे तेल के आयात पर निर्भरता कम होगी। ग्रीन हाइड्रोजन का ईंधन के तौर पर इस्‍तेमाल बढ़ने से प्रदूषण पर भी अंकुश लगेगा। साथ ही हाइड्रोजन गैस को कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) में मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकेगा। बता दें, प्रधानमंत्री इससे पहले भी ग्रीन एनर्जी को भविष्‍य का ईंधन करार दे चुके हैं। उनका मानना है कि ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने से भारत को आत्‍मनिर्भर बनाने में बड़ी मदद मिलेगी।

समझिए पानी से कैसे चलेंगी ट्रेनें और करें

भारत में अभी दो टेक्‍नोलॉजी की मदद से हाइड्रोजन गैस (Hydrogen Gas) बनाई जाती है। पहली पानी को इलेक्ट्रोलिसिस कर हाइड्रोजन को अलग कर लिया जाता है। आसान शब्‍दों में समझें तो पानी की मदद से हाइड्रोजन बनाई जाएगी और उससे कार चल सकेगी। हालांकि, इससे सिर्फ हाइड्रोजन गैस से चलने वाली कारों को ही ईंधन मिलेगा।

दूसरी टेक्‍नोलॉजी के तहत नेचुरल गैस (Natural Gas) को हाइड्रोजन और कार्बन में तोड़ लिया जाता है। फिर हाइड्रोजन का इस्‍तेमाल ईंधन की तरह किया जा सकता है। वहीं, अलग हुए कार्बन से स्पेस, एयरोस्पेस, ऑटो, पानी के जहाज और इलेक्ट्रॉनिक आइटम बनाए जा सकते हैं।

भारतीय रेलवे ने नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन के तहत हाइड्रोजन फ्यूल सेल का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। बता दें कि हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित टेक्‍नोलॉजी के लिए बोलियां भी आमंत्रित की गई हैं। यह तकनीक उत्तरी रेलवे के सोनीपत-जिंद सेक्शन में डेमू ट्रेन पर लागू की जाएगी।

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