सांसद गोपाल जी ठाकुर ने किया ऐतिहासिक मिथिला संस्कृत शोध संस्थान का निरीक्षण

दरभंगाः सांसद गोपाल जी ठाकुर ने मंगलवार  को मिथिला संस्कृत शोध संस्थान का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने शिक्षण विभाग, पांडुलिपि विभाग, पुस्तकालय विभाग,छात्रावास विभाग,वन विभाग और खेल विभाग सहित 62 बीघा में फैले शोध संस्थान के लंबे चौड़े परिसर का विभिन्न स्तरों पर मुआयना किया।

सांसद पहले संस्थान के निदेशक सुनील कुमार से यहां व्याप्त कठिनाइयों से अवगत हुए और उन्हें जल्द अपने स्तर पर सभी कठिनाइयों को दूर करने का आश्वासन दिया। उसके बाद सांसद ने वहां के शिक्षकों व छात्रों से भी भेंट कर उनके शोध के विषय में जानकारी प्राप्त करते हुए उसमें आने वाली कठिनाइयों से अवगत हुए और उसके निदान के लिए प्रयास का आश्वासन दिया।

निरीक्षण के उपरांत सांसद ने कहा कि मिथिला संस्कृत शोध संस्थान मिथिला की एक अमूल्य और ऐतिहासिक शैक्षणिक धरोहर है जिसका शिलान्यास 1951में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने किया था। लेकिन जिस उद्देश्य के साथ इस संस्थान की स्थापना हुई थी अभी तक संस्थान इतने दशक बीत जाने के बाद भी सुचारू रूप से संचालित नहीं हो सका है।

सांसद ने कहा कि मैं केंद्रीय स्तर से विभिन्न विषयों पर विकास के प्रयास के लिए सदन के अंदर और संबंधित विभाग में अपने स्तर से आवाज उठाने का काम करूंगा।

निरीक्षण के क्रम में सांसद के साथ कृष्ण कुमार अग्रवाल, रंगनाथ ठाकुर, शिवजी यादव,उमेश चौधरी,बालेन्दु झा,प्रेम कुमार मिश्रा, रंजीत चौधरी, नंदकिशोर झा,संतोष झा,संगीत गुप्ता आदि लोग उपस्थित थे।