आयुष मंत्रालय ने शुरू किया तीन महीने का Ayush for immunity अभियान

नई दिल्लीः आयुष मंत्रालय ने वेबिनार के माध्यम से आज “आयुष फॉर इम्युनिटी” (Ayush for immunity) के नाम से तीन महीने का अभियान शुरू किया। वेबिनार में 50 हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया। वेबिनार का आयोजन मंत्रालय के नए डिजिटल संचार मंच आयुष वर्चुअल कन्वेंशन सेंटर पर किया गया। इस आयोजन को आयुष मंत्रालय के आधिकारिक फेसबुक हैंडल पर लाइव स्ट्रीमआयुष मंत्रालय के सचिव श्री वैद्य राजेश कोटेचा, मॉडल मिलिंद सोमन, विश्व स्वास्थ्य संगठन की तकनीकि अधिकारी डाक्टर गीता कृष्णन और AIIA की निदेशक प्रोफेसर तनुजा नेसरी वेबिनार के अन्य प्रमुख वक्ताओं में शामिल थे।

आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने इस अवसर पर दिए मुख्य भाषण में कहा कि आयुष चिकित्सा समाधान पूरे विश्व को स्वस्थ और खुशहाल बना सकते हैं। श्री श्री रविशंकर ने वर्तमान परिदृश्य में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत  बनाने और जीवन शैली में बदलाव की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने आयुर्वेद और अन्य आयुष प्रथाओं के संभावित जीवन-वर्धक प्रभाव को व्यापक तरीके से प्रस्तुत किया।

आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा ने आयुष समाधान के माध्यम से सभी के लिए अर्थात सुलभ और सस्ती स्वास्थ्य सेवा के विषय पर विस्तार से बताया। उन्होंने प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले कदमों के प्रति लोगों में व्यवहार परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया और उन साक्ष्यों पर प्रकाश डाला जिन्होंने प्रतिरक्षा बढ़ाने में पारंपरिक दवाओं और प्रथाओं की सकारात्मक भूमिका स्थापित की है।उन्होंने उन विभिन्न पहलों का उल्लेख किया जिन्हें मंत्रालय “आयुष फॉर इम्युनिटी” (Ayush for immunity) अभियान के तहत शुरु करने की योजना बना रहा है।

मिलिंद सोमन ने स्वास्थ्य और फिटनेस के बारे में अपने विचार साझा किए और नागरिकों को स्वस्थ जीवन जीने की आदत डालने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए कम लेकिन सतत प्रयास की आवश्यकता है। प्रो. तनुजा नेसरी ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के प्रयास के रूप में निवारक और उपचारात्मक गतिविधियों में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के हाल के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने इसके लिए साक्ष्य के रूप में जो प्रस्तुति दी उसे दर्शकों ने खासा पसंद किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन की तकनीकी अधिकारी डॉ गीता कृष्णन ने महामारी के संबंध में स्वास्थ्य की अवधारणा पर बात की और बीमारियों के प्रसार से बचने के लिए अच्छे बुनियादी ढाँचे की स्थापना और प्रभावी संचार को अपनाए जाने को महत्वपूर्ण बताया।

प्रस्तुतियों के बीच सवाल जवाब सत्र के माध्यम से वेबिनार में सार्वजनिक जुड़ाव और सहभागिता देखी गई। आयोजन में विशेषज्ञों के पैनल द्वारा विभिन्न लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब दिया गया।

आयोजन में विशेषज्ञों के पैनल द्वारा विभिन्न लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब दिया गया। पैनल में सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज के प्रो.वी.डी. के.एस. धीमान,  मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के महानिदेशक डॉ. ईश्वर वी बासवरेड्डी,  राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान की निदेशक डॉ.सत्यलक्ष्मी कोमाराजू,नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर सोवा-रिग्पा की निदेशक डॉ पद्मा गुरमीत, योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद के निदेशक डॉ.राघवेंद्र एम राव, केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक प्रो.असिम अली खान,   सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन सिद्ध की महानिदेशक डॉ. के. कनकवल्ली और सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी के प्रभारी महानिदेशक अनिल खुराना शामिल ​थे। विशेषज्ञों ने अपने अनुभवों और निष्कर्षों को एक वैज्ञानिक तर्क के माध्यम से जनता के साथ साझा किया।

वेबिनार का मुख्य उद्देश्य लोगों को प्रतिरक्षा बढ़ाने और बीमारियों को रोकने के लिए विभिन्न आयुष-आधारित समाधानों की ताकत के बारे में मूल्यवान जानकारी से परिचित करना था इसलिए विशेषज्ञों द्वारा लोगों के लिए प्रतिरक्षा मजबूत बनाए रखने के संदेश के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इन संदेशों से यह जानने में मदद मिली कि दैनिक जीवन में अपनाए जाने वाले सरल उपाय बीमारियों को रोकने में लंबे समय तक कितने कारगर साबित होते हैं।

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