पटनाः बिहार में NDA घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा हो चुका है। तमाम घटक दलों का दावा है कि वे पुरी मजबूती से चुनाव लड़ेंगे और प्रदेश की सभी 40 सीटों पर जित भी हासिल करेंगे। लेकिन लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के नवगठित उद्यमिता प्रकोष्ठ के प्रधान महासचिव संजीव श्रीवास्तव के तेवर बता रहे हैं कि NDA में अंदरखाने बहुत खिंचतान है और गठबंधन बेमेल है, जिसका चुनाव परिणामों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए यह सवाल प्रासंगिक है कि मोदी के हनुमान जलाएंगे लंका या लगाएंगे भाजपा की अयोध्या में आग?
लोजपा (रा) नेता संजीव श्रीवास्तव ने जिस तरीके से NDA के मजबूत घटक हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के सुप्रिमों व पुर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर निशाना साधा है, और भाजपा के साथ उनके संबंधों पर टिप्पणी की है वह इस बात की तसदीक़ करता है कि NDA में सब कुछ ठीक नहीं है। LJP (R) नेता द्वारा किए गए इस पोस्ट ने खुद को मोदी का हनुमान कहने वाले चिराग पासवान की भूमिका पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।
संजीव ने लगभग एक वर्ष पूर्व भगवान राम पर और राक्षस राज रावण पर की गई मांझी की टिप्पणी को फिर से हवा दी है। श्रीवास्तव ने मांझी की भाजपा से गठजोड़ को लोकतांत्रिक कुरीति करारा दिया है और इसे लेकर उनका एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल है।
श्रीवास्तव का कहना है, ‘रावण के उपासक जीतन राम मांझी जी और राम भक्त एक हुए, परम ज्ञानी जीतन जी रावण को सत्य मानते हैं राम को काल्पनिक, मांझी अपनी जाति के महान दशरथ मांझी जी के साथ भी न्याय नहीं किए, फिर भी जाति के नेता हैं, वोटबैंक के ठेकेदार हैं। जय जातिवाद, जय अज्ञानता और धार्मिक उन्मादी बोली। पता नही देश कब मुक्त होगा इन लोकतांत्रिक कुरीतियों से।‘
बहरहाल, गठबंधन धर्म कहता है कि गठबंधन के साथियों में अगर कोई ख़ामी भी है तो अपने तर्कों से उस पर पर्दा डाला जाए। सार्वजनिक मंच से कुछ भी बोलने की बजाय उसे आपस में बैठकर सुलझा लिया जाए, लेकिन यहां तो लोजपा (रा) ने पुराने मुद्दे को ही उखाड़ने की कोशिश की है। NDA का महत्वपूर्ण घटक भाजपा की पुरी राजनीति ही जिस राम के नाम पर टीकी है, लोजपा (रा) नेता ने मांझी के पुराने बयान को सामने लाकर उसे ही पलीता लगा दिया है।