केरल के अशोक ने खुद बनाया विमान और परिवार संग कर ली पूरे यूरोप की यात्रा

नई दिल्लीः COVID-19 लॉकडाउन ने लोगों को अपने अंदर की छमता को पहचानने का पर्याप्त समय दिया। कुछ ने खुद को गतिविधियों में शामिल किया और कुछ ने अपना समय कुछ नया आविष्कार करने के लिए समर्पित किया। ऐसे हीं एक शख्स हैं 38 वर्षीय अशोक अलीशेरिल थमारक्षण। थमारक्षण ने अपनी पत्नी अभिलाषा दुबे के साथ मिलकर लॉकडाउन के दौरान अपना समय, ऊर्जा और पैसा विमान बनाने में लगाया और अब अपने परिवार के साथ पूरे यूरोप की यात्रा कर रहे हैं। अशोक थमारक्षण मूल रुप से केरल के रहने वाले हैं जो फिलहाल लंदन में निवास कर कर रहे हैं।

थमारक्षण एक लाइसेंस प्राप्त पायलट है और अपने सपनों का विमान बनाने के लिए अथक परिश्रम किया। दंपति के दो बच्चे हैं, तारा और दीया, जिनकी उम्र क्रमशः छह और तीन साल है। उनकी पत्नी अभिलाषा दुबे ने पहले लॉकडाउन के बाद से उसके लिए पैसे बचाना शुरू कर दिया था। परिवार पहली बार इस जनवरी में न्यूक्वे के लिए अपनी पहली पारिवारिक यात्रा के रूप में अपने विमान “जी-दीया” में आसमान में गया। थमारक्षण ने जर्मनी, ऑस्ट्रिया और चेक गणराज्य सहित कई जगहों की यात्रा की है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, थमारक्षन ने 1.4 करोड़ की लागत से 1,500 घंटे और 18 महीनों में चार सीटों वाला एकल इंजन ‘स्लिंग-टीएसआई’ विमान पूरा किया। उन्होंने अपनी छोटी बेटी के सम्मान में अपने विमान का नाम ‘जी-दीया’ रखा है। रिपोर्ट के अनुसार, “लड़कियों ने केवल कुछ ही बार उड़ान भरी थी, लेकिन पायलट के रूप में अपने पिता के साथ कभी नहीं।”

2018 से एक लाइसेंस प्राप्त पायलट होने के नाते, थमारक्षण यात्राओं के लिए दो सीटों वाला विमान किराए पर लेते थे। लेकिन जैसे-जैसे उनका परिवार बढ़ता गया उन्हें चार सीटों वाले विमान की जरूरत पड़ी। इसे लेकर उन्होंने विचार-मंथन किया और अपने बगीचे में अपना विमान बनाने के विचार पर शोध किया। फिर उन्होंने जोहान्सबर्ग स्थित एक कंपनी का दौरा किया क्योंकि उन्हें पता चला कि वे 2018 में एक नया विमान, स्लिंग टीएसआई लॉन्च करने वाले थे। थमारक्षण ने अपना खुद का विमान बनाने के लिए एक किट का आदेश दिया और अपने हाथ में बहुत समय होने के बाद उन्होंने अपना ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा किया।

विधायक ए वी थमराक्षण के बेटे, अशोक थमारक्षणन पलक्कड़ इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक पूरा करने के बाद अपनी मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए 2006 में अमेरिका चले गए।

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