नई दिल्लीः अरुणाचल प्रदेश से अगवा किए गए 5 भारतीयों को लेकर चीन ने पहले तो इसकी जानकारी होने से इनकार किया, लेकिन अब उसने स्वीकार किया है कि ये लोग उसके यहां है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को बताया कि अगवा भारतीयों को वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है। अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले के पांचों युवक जंगल में शिकार करने गए थे जहां से वे लापता हो गए। बाद में परिजनों ने आरोप लगाया कि चीन की सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी (Peoples Liberation Army) ने उन्हें अगवा कर लिया है।
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने ट्वीट कर बताया, ‘भारतीय सेना की तरफ से भेजे गए हॉटलाइन संदेश पर चीन की पीएलए ने जवाब दिया है। उन्होंने पुष्टि की है अरुणाचल प्रदेश से लापता युवा उनकी तरफ पाए गए हैं। उन्हें अधिकारियों को सौंपे जाने की आगे की आपौचारिकताओं पर काम किया जा रहा है।’
China’s PLA has responded to the hotline message sent by Indian Army. They have confirmed that the missing youths from Arunachal Pradesh have been found by their side. Further modalities to handover the persons to our authority is being worked out.
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 8, 2020
चीनी सेना ने अरुणाचल के जिन 5 युवकों को अपनी तरफ ‘पाए जाने’ का दावा किया है उनकी पहचान टोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंगटू एबिया, तनु बाकेर और गारू डिरी के रूप में हुई है। ये पांचों एक समूह के साथ जंगल में गए थे। समूह के 2 सदस्य वापस लौट आए लेकिन 5 युवक घर नहीं लौटे। उनके परिजनों ने पिछले शुक्रवार को आरोप लगाया कि युवाओं को चीनी सेना अगवा करके ले गई है।
लापता आदिवासी युवकों में से एक के भाई ने फेसबुक पर पोस्ट किया था कि चीनी सेना नाचो के पास इंटरनैशनल बॉर्डर (आईबी) से भारतीय सेना के सेरा-7 पेट्रोलिंग इलाके से भारतीय युवकों को उठा ले गई है। ये युवक सेना के लिए कुली और गाइड का काम करते थे। युवाओं के अगवा होने की बात सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। अरुणाचल प्रदेश ने मामले की जांच शुरू की। दूसरी तरफ भारतीय सेना ने चीनी सेना को हॉटलाइन मेसेज भेजकर इन युवाओं के बारे में पूछा था।