गांधीनगरः राज्य सरकार ने हड़ताल पर जा रहे स्वस्थ्यकर्मियों को चेताते हुए कहा है कि यह समय हड़ताल पर जाने लिए सही नहीं है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव जयंती रवि ने कहा कि हड़ताल पर जाने के लिए तैयार स्वास्थ्य क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा से जुड़े सीपीएच, आउटसोर्सिंग और अंशकालिक कर्मचारी यह साबित करते हैं कि उनकी दो जिम्मेदारियां हैं। यदि वे नहीं आते हैं, तो उनके खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई करने की भी धमकी दी है।
जयंती रवि ने कहा कि राज्य में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति में, मकर माइकोसिस और राज्य में व्याप्त तूफान, हड़ताल का ऐसा निर्णय लेना उचित नहीं था। ऐसी कठिन परिस्थितियों के समाधान के बाद किसी भी प्रश्न को आमने-सामने हल किया जा सकता है। और उचित प्रश्नों को भी उचित रूप से संबोधित किया जा सकता है। इसलिए यह सर्वेक्षण स्वास्थ्य कर्मियों से तत्काल प्रभाव से अपनी ड्यूटी में शामिल होने का आग्रह करता है।
बता दें यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि गुजरात दो आपदाओं के कारण आपात स्थिति का सामना कर रहा है।स्वास्थ्य विभाग की सूची के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत विभिन्न संवर्ग जैसे डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इसके अलावे हड़ताल को आगे बढ़ने की धमकी देकर मानवीय सेवाओं को बाधित करने की कोशिश की जा रही है, इसी वजह से यह फैसला लिया गया है।