बिहार में खुलेगी पहली मछली दाना फैक्ट्री: उद्योग और रोजगार की नई दिशा

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बिहार में मत्स्य पालन एक पारंपरिक व्यवसाय रहा है, लेकिन मछलियों के आहार (फीड) के लिए अब तक दूसरे राज्यों पर निर्भरता बनी हुई थी। इस स्थिति को बदलने के लिए अनमोल फीड्स प्राइवेट लिमिटेड ने एक ऐतिहासिक पहल की है। कंपनी ने मोतीपुर स्थित मेगा फूड पार्क में राज्य की पहली मछली दाना फैक्ट्री खोलने का निर्णय लिया है। इस परियोजना के पहले चरण में 15 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है और इसका संचालन मई 2025 से शुरू करने की योजना है।

Contents
बिहार में मछली दाना उत्पादन की आवश्यकतामछली दाना उत्पादन क्यों जरूरी?मेगा फूड पार्क में अत्याधुनिक फैक्ट्री का निर्माणपहले चरण की विशेषताएँदूसरे चरण में और विस्तारऔद्योगिक विस्तार और रोजगार के नए अवसरअनमोल फीड्स का योगदानअमित सरावगी: बिहार के औद्योगिक विकास के अगुआएक उद्यमी की प्रेरणादायक कहानीमर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स के पहले बिहारी अध्यक्षबिहार को औद्योगिक हब बनाने की दिशा में योगदान“नौरिचर” ब्रांड का विस्तारबिहार के आर्थिक विकास में भूमिकाबिहार सरकार और अनमोल फीड्स की साझा प्रतिबद्धताकंपनी द्वारा किसानों को सहयोगअमित सरावगी का विजनबिहार में आर्थिक समृद्धि की नई राहपशुपालन का आर्थिक योगदानआत्मनिर्भर बिहार की ओर अग्रसरस्थानीय उद्योगों को बढ़ावाबिहार की विकास गाथा

यह पहल न केवल बिहार को औद्योगिक क्षेत्र में आगे बढ़ाने का काम करेगी, बल्कि 5000 से अधिक नए रोजगार के अवसर भी सृजित करेगी। इस लेख में हम इस परियोजना, उसके आर्थिक प्रभाव और बिहार के औद्योगिक विकास में इसकी भूमिका पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

बिहार में मछली दाना उत्पादन की आवश्यकता

बिहार में मत्स्य पालन का बड़ा व्यवसाय है, लेकिन राज्य में अभी तक मछलियों के लिए आवश्यक आहार का उत्पादन नहीं हो रहा था। किसानों को बाहर से महंगा फीड मंगाना पड़ता था, जिससे उनकी लागत बढ़ जाती थी और मुनाफा घट जाता था।

मछली दाना उत्पादन क्यों जरूरी?

  • स्थानीय उत्पादन से फीड की लागत में कमी आएगी।
  • बिहार के मत्स्य पालकों को उच्च गुणवत्ता वाला आहार मिलेगा।
  • बाहर से लाने की निर्भरता समाप्त होगी, जिससे उद्योग की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
  • इससे बिहार के ग्रामीण इलाकों में स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

मेगा फूड पार्क में अत्याधुनिक फैक्ट्री का निर्माण

मोतीपुर स्थित मेगा फूड पार्क बिहार सरकार द्वारा विकसित एक आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र है, जहां विभिन्न खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। अनमोल फीड्स ने यहां 50 करोड़ की लागत से दो चरणों में मछली दाना फैक्ट्री स्थापित करने का निर्णय लिया है।

पहले चरण की विशेषताएँ

  • 15 करोड़ रुपये का निवेश
  • उत्पादन मई 2025 से शुरू होगा
  • प्रतिदिन हजारों मीट्रिक टन फीड उत्पादन की क्षमता
  • 5000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा

दूसरे चरण में और विस्तार

  • 30-35 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश
  • उत्पादन क्षमता में दोगुना वृद्धि
  • अधिकतम 10,000 रोजगार के अवसर

औद्योगिक विस्तार और रोजगार के नए अवसर

अनमोल फीड्स का योगदान

अनमोल फीड्स प्राइवेट लिमिटेड बिहार के औद्योगिक विकास में अग्रणी भूमिका निभा रही है। कंपनी छह राज्यों में आठ अत्याधुनिक निर्माण इकाइयां संचालित कर रही है और वर्तमान में 20 से अधिक राज्यों में अपने उत्पादों की आपूर्ति कर रही है।

बिहार में नई फैक्ट्री के खुलने से स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।

अमित सरावगी: बिहार के औद्योगिक विकास के अगुआ

एक उद्यमी की प्रेरणादायक कहानी

अनमोल फीड्स के प्रबंध निदेशक अमित सरावगी ने कॉलेज के दिनों में ही बिहार में रोजगार के अवसरों की कमी को महसूस किया और उद्योग स्थापित करने का निर्णय लिया। उन्होंने सीमित पूंजी से अपने पहले पशु आहार निर्माण संयंत्र की स्थापना की और धीरे-धीरे इसे 650 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली कंपनी बना दिया।

मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स के पहले बिहारी अध्यक्ष

अमित सरावगी को पश्चिम बंगाल स्थित मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स का अध्यक्ष चुना गया है। यह 124 वर्षों में पहली बार हुआ है कि बंगाल के बाहर के किसी व्यक्ति को यह सम्मान मिला है।

बिहार को औद्योगिक हब बनाने की दिशा में योगदान

“नौरिचर” ब्रांड का विस्तार

अनमोल फीड्स ने “नौरिचर” (Nouriture) ब्रांड के तहत अपने उत्पादों को बिहार और देशभर में विस्तारित किया है। इस ब्रांड से 1 लाख से अधिक किसान परिवार लाभान्वित हो चुके हैं।

बिहार के आर्थिक विकास में भूमिका

  • पोल्ट्री, मछली पालन और मवेशी आहार उत्पादन में वृद्धि
  • किसानों की आय में इजाफा
  • राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) में सुधार

बिहार सरकार और अनमोल फीड्स की साझा प्रतिबद्धता

बिहार सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने और कौशल विकास के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। अनमोल फीड्स इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

कंपनी द्वारा किसानों को सहयोग

  • तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना
  • गाय, बकरी, मुर्गी, सूअर और मछली पालन में मदद
  • सरकारी योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता दिलाना

अमित सरावगी का विजन

“बिहार मेरा अपना राज्य है और यह मेरे दिल के बेहद करीब है। यहां प्राकृतिक संसाधनों की कोई कमी नहीं है, आवश्यकता है तो बस इन्हें सही दिशा देने की। हमारा उद्देश्य राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना और युवाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसर पैदा करना है।”

बिहार में आर्थिक समृद्धि की नई राह

अनमोल फीड्स की विस्तार योजनाएँ बिहार को पशु आहार निर्माण का सबसे बड़ा केंद्र बनाने में मदद कर रही हैं।

पशुपालन का आर्थिक योगदान

  • पशुपालन कृषि के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) का 36% योगदान करता है।
  • अंडा, मांस और मत्स्य पालन के उत्पादन में तेज़ी से वृद्धि हो रही है।
  • यह वृद्धि बिहार की जीडीपी को मजबूत कर रही है।

आत्मनिर्भर बिहार की ओर अग्रसर

स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा

अनमोल फीड्स न केवल बिहार के औद्योगिक विकास को गति दे रही है, बल्कि राज्य के युवाओं और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त भी कर रही है।

बिहार की विकास गाथा

  • स्थानीय उत्पादों को बाज़ार उपलब्ध कराना
  • नई नौकरियों के अवसर पैदा करना
  • किसानों और उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाना

बिहार के उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में अनमोल फीड्स का योगदान निश्चित रूप से एक प्रेरणादायक कहानी है, जो राज्य के विकास और आत्मनिर्भरता के मार्ग को और अधिक सशक्त बना रही है।

 

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