जीत के जश्न पर चुनाव आयोग की नज़र, कोरोना गाइडलाइंस टूटने पर होगी कार्रवाई

News Stump

नई दिल्लीः बंगाल सहित पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम आने शुरू हो गए हैं। बंगाल में टीएमसी और असम में भाजपा एक बार फिर से सरकार बनाती दीख रही है। ऐसे में जीत का जश्न लाजिमी है, लेकिन हद में रहकर, क्यों कि जश्न पर चुनाव आयोग की पैनी नज़र है। चुनाव आयोग ने कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर भीड़ जमाकर जीत का जश्न मनाने और विजय जुलूस निकालने पर पाबंदी लगा दी है।

शनीवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने वर्चुअल माध्यम से एक बैठक की थी। बैठक में उन्होंने निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों और पांचों राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ मतगणना के प्रबंध की समीक्षा की थी। निर्वाचन आयुक्त ने निर्देश दिया है कि आयोग के सभी निर्धारित निर्देशों का पालन किया जाना ज़रूरी है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी मतगणना केंद्र पूरी तरह से कोविड दिशा निर्देशों के तहत व्यवस्था होनी चाहिए।

इसके अलावे चुनाव आयोग ने संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया है कि वे कोरोना गाईडलाईंस का सख्ती से पालन करवाएं। अगर गाईडलाइंस टूटती है तो ऐसी स्थिति में प्राथमिकी दर्ज की जाए तथा थाना प्रभारी को निलंबित किया जाए।

गौरतलब है कि कारोना काल में पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों के दौरान कोरोना गईडलाईंस की जमकर धज्जियां उड़ाई गई थीं। इसे लेकर गंभीर मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी। मद्रास हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर के लिए पूरी तरह से चुनाव आयोग जिम्मेदार है। चुनाव आयोग ने किसी भी तरह की चुनाव आयोग ने किसी भी तरह की चुनावी सभा पर रोक नहीं लगाई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग एक जगह इकट्ठे होते रहे।

फटकार लगाने के साथ ही हाईकोर्ट ने चुनाव हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि 2 मई को गिनती के लिए पूरा प्लान तैयार किया जाए. अगर इस दिन किसी तरह की चूक होती है, तो अदालत काउंटिंग पर रोग लगा देगी।

Share This Article
Follow:
With the system... Against the system
Leave a Comment