World Arthritis Day: डॉक्टरों की सलाह, जोड़ों के दर्द को न करें अनदेखा

पटनाः जानकारी और जागरूकता किसी भी बिमारी से बचने का सबसे महत्वपूर्ण और कारगर उपाय होता है। आज 12 अक्टूबर है आज की तारिख को पुरी दुनिया विश्व अर्थराइटिस दिवस (World arthritis day) के तौर पर मनाती है। अर्थराइटिश यानी गठिया जोड़ों के दर्द और सूजन से जुड़ी हुई ऐसी बिमारी है, जिसके गिरफ्त में आ जाने के बाद इंसान का जिना दूभर हो जाता है। इस बिमारी प्रति जागरूकता बठाने लेकर बुधवार को जयप्रभा मेदांता हॉस्पीटल के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने लोगों को विशेष सलाह दी है। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संतोष कुमार सिंह का कहना है कि जोड़ों में अगर दर्द है तो उसे अनदेखा न करें।

डॉक्टर संतोष कुमार सिंह बताते हैं कि Arthritis जोड़ों की दर्द की बीमारी है जो प्रायः ओल्ड एज के लोगों में देखने को मिलता है। यह बिमारी शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण होती है। भारत में लगभग 80 फीसदी 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग गठिया की बीमारी से पीड़ित हैं।

डॉ संतोष कुमार सिंह

डॉ सिंह कहते हैं कि वैसे तो सामान्य तौर पर गठिया की बीमारी 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिला और 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में अधिक देखने को मिलती हैं लेकिन कोरोना के बाद से युवा वर्ग में भी गठिया की बीमारी काफी फैल गई है। चिकित्सकों के पास अब 40 से कम उम्र की महिला और पुरुष पहुंच रहे हैं जो जोड़ों की दर्द से परेशान रह रहे हैं।

डॉ संतोष कहते हैं बीते 2 वर्षों में वर्क फ्रॉम होम कल्चर ने लोगों के फिजिकल एक्टिविटी को कम किया है। जिस वजह से लोग जोड़ों की दर्द की तकलीफ से जूझ रहे हैं। बीते 2 वर्षों में 40 वर्ष से कम उम्र के युवाओं में जोड़ों की दर्द की शिकायत 25 से 30 प्रतिशत बढ़ गई है। इनमें महिलाओं की संख्या लगभग 40 प्रतिशत है।

अनियमित दिनचर्या गठिया मुख्य कारण

डॉक्टर संतोष कुमार सिंह बताते हैं कि सामान्य तौर पर बुजुर्ग भारतीय महिलाओं में गठिया की शिकायत अत्यधिक देखने को मिलती है जिसका प्रमुख कारण है अनियमित दिनचर्या। जिसमें महिलाओं के खाने पीने का कोई निश्चित समय नहीं होता और पौष्टिक भोजन पर महिलाएं ध्यान नहीं देती। प्रेगनेंसी के बाद महिलाओं को बेहतर प्रोटीन युक्त डाइट की आवश्यकता होती है और यदि यह नहीं मिलता है तो धीरे-धीरे आगे चलकर शरीर में गठिया और अन्य बीमारियां घर कर जाती हैं।

Arthritis से बचना है तो लाइफस्टाइल में करें सुधार

डॉ के मुताबिक इस बीमारी में कोई दवा कारगर नहीं है सिर्फ परहेज और सतर्कता के माध्यम से ही इस बीमारी से राहत पाई जा सकती है। अगर किसी को जोड़ों की दर्द की शिकायत है तो बिना चिकित्सीय परामर्श के पेन किलर का सेवन न करें। अपनी लाइफ स्टाइल को सुधारें, वज्रासन जैसे कुछ योगा है उसे करें।

डॉ राजीव रंजन सिन्हा

जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के हड्डी एवं ज्वाइंट इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉक्टर राजीव रंजन सिन्हा कहते है, गठिया से बचाव के लिए रोजाना नियमित व्यायाम, प्रोटीन डाइट का सेवन, जब जोड़ों में दर्द शुरू हो तो उसे आइस पैक से सेकना, यदि घुटने के जोड़ में दर्द रह रहा है तो टॉयलेट में कमोड सीट का यूज, प्रचुर मात्रा में ताजी और हरी सब्जियों का सेवन लाभदायक हो सकता है।

डॉक्टर राजीव रंजन सिन्हा यह भी कहते हैं कि अत्यधिक भारी-भरकम और क्षमता से अधिक व्यायाम न करें और यदि जोड़ों में जब दर्द है उस समय व्यायाम को तब तक नहीं करे जब तक दर्द शरीर में बना हुआ है। इसके अलावा सिगरेट और शराब के सेवन को बंद करें साथ ही फास्ट फूड और जंक फूड का सेवन कम करें, जब जोड़ों में दर्द है उस समय मालिश और मसाज न करें, इससे घुटना टेढ़ा होने जैसे विकृतियां होने के चांसेस बढ़ जाते हैं और जब जोड़ों में दर्द है उस समय हॉट वॉटर बैग से बिल्कुल सिकाई न करें। डॉक्टर संतोष कुमार सिंह बताते हैं कि गठिया की बीमारी का इलाज सिर्फ एहतियात, परहेज और नियमित व्यायाम है, इसी से बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। यदि बीमारी बहुत अधिक बढ़ जाती है तो ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी ही एकमात्र इलाज है।

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