हैदराबाद: COVID-19 पर कुछ भी बोलने और लिखने से पहले तथ्यों को समझना बेहद जरूरी है, वर्ना आप भी कानूनी पचड़े में पड़ सकते हैं। ताजा मामला निजामों के शहर हैदराबाद का है। यहां सुल्तान बाजार पुलिस ने एक केमिकल इंजीनियर पर कोविड की तीसरी लहर (COVID third wave) के बारे में डर फैलाने के आरोप में अपराधिक मामला दर्ज किया है। केमिकल इंजियर का नाम परुचुरी मलिक है। उन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 54 और भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (बी) के तहत मामला दर्ज किया है।
दरअसल केमिकल इंजीनियर परुचुरी मलिक ने 8 जून को एक टिवी टॉक शो में भाग लिया था। टॉक शो के दौरान उन्होंने COVID की तीसरी लहर को लेक कुछ ऐसी टिप्पणियां की थी, जिन्हे चिकित्सा नैतिकता के मामले में आपत्तिजन माना गया था।
उनके उस टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए तेलंगाना के जन स्वास्थ्य निदेशक जी श्रीनिवास राव ने पुलिस में लिखित शिकायत की थी। जी श्रीनिवास राव ने शिकायत में लिखा है, “8 जून को परुचुरी मल्लिक ने एक टीवी टॉक शो में भाग लिया और ऐसी टिप्पणियां की जो चिकित्सा नैतिकता के मामले में अत्यधिक आपत्तिजनक प्रकृति की हैं। तीसरी लहर के संबंध में, उनकी टिप्पणियों से आम जनता में दहशत फैल सकती है।
आगे उन्होंने लिखा, “वह आदमी विशेषज्ञ नहीं है और उसने कहा था कि ‘हर घर में एक मौत होगी और वायरस शरीर को नष्ट कर देगा’।” डीपीएच ने आगे कहा, “किसी भी संस्था / व्यक्ति (विश्व स्तर पर) को आसन्न तीसरी लहर के बारे में कोई अनुभव/ वैज्ञानिक भविष्यवाणी नहीं है।
डॉ श्रीनिवास राव के मुताबिक राज्य तीसरी लहर के लिए तैयार है। राज्य अस्पताल के बिस्तरों, दवाओं, ऑक्सीजन, जनशक्ति और बहुत कुछ से सुसज्जित है। एक और सप्ताह में COVID-19 मामलों में और गिरावट आ सकती है। रमेश रेड्डी ने कहा, “राज्य तीन महीने में दूसरी लहर से निपटने में सक्षम है।” अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे भय के भ्रम में न आएं।
इस प्रकारण पर मेडिकल कॉलेजों के निदेशक, डॉ रमेश रेड्डी ने कहा, “इन परीक्षण समय में भय फैलाना निराधार है। उस व्यक्ति के पास यह दावा करने के लिए कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है। मीडिया में इस तरह की टिप्पणियों को पारित करने से आम जनता के मनोविज्ञान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इतना सस्ता प्रचार एक घोर आपराधिक कृत्य के अलावा और कुछ नहीं है।”