नई दिल्लीः नागरिक उड्डयन मंत्रालय और DGCA ने सर्वे ऑफ इंडिया (Survey of India) को मानव रहित विमान प्रणाली (UAS) नियम, 2021 से सशर्त छूट दे दी है। केंद्र सरकार की योजना- सर्वे ऑफ विलेजेज एंड मैपिंग विद इंप्रोवाइज्ड टेक्नोलॉजी इन विलेज एरिया (स्वामित्व) के तहत गांवों की आबादी क्षेत्रों के व्यापक मानचित्रण के लिए ड्रोन तैनात करने की अनुमति दी गई है। यह छूट अनुमति मिलने की तारीख से अगले एक वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, के लिए मान्य है और यह GDCA की ओर से जारी के नियमों और शर्तों के अधीन होगी।
स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण भारत के लिए एक एकीकृत संपत्ति सत्यापन की व्यवस्था बनाना है। पंचायती राज मंत्रालय, राज्य पंचायती राज विभाग और राज्य राजस्व विभाग की आपसी साझेदारी के साथ ड्रोन सर्वेक्षण टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए आबादी वाले क्षेत्रों का सीमांकन किया जाएगा। इसमें आबादी क्षेत्र में आवासीय भूमि, आबादी के नजदीक की बसावट और ग्रामीण क्षेत्रों में बाडी/ बस्ती शामिल हैं
यह अनुमति सर्वे ऑफ इंडिया (Survey of India) को ड्रोन का उपयोग करके बड़े पैमाने पर मैपिंग (LSM) करने की छूट देगा। संपत्ति के स्वामित्व का अधिकार देने के लिए हवाई सर्वेक्षण से उच्च गुणवत्ता और सटीक माप वाले मानचित्र मिलेंगे। इन्हीं मानचित्रों या आंकड़ों के आधार पर, ग्रामीण परिवार के स्वामियों को संपत्ति कार्ड जारी किए जाएंगे।
ड्रोन सर्वेक्षण के तहत तैयार डिजिटल स्थानिक डेटा/मानचित्रों का लाभ ग्राम पंचायत विकास योजना (Gram Panchayat Development Plan) बनाने में मदद करने के लिए स्थानिक विश्लेषणात्मक उपकरणों को तैयार करने में लिया जाएगा। ड्रोन के माध्यम से खींचे गए चित्रों को सर्वे ऑफ इंडिया (Survey of India) अपनी भौगोलिक सूचना प्रणाली प्रयोगशाला (Geographic Information System lab) में संसाधित करेगा।