रांचीः खनन पट्टा मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट को आदेश दिया कि मामले में दाखिल जन याचिकाओं की योग्यता की जांच करे और फिर कानून के मुताबिक आगे की कार्यवाही करे। बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई, जिसमें सोरेन, उनके भाई विधायक बसंत सोरेन पर अवैध ढंग से खनन पट्टा लेने और उनके परिवार पर सैकड़ों कंपनियों में पैसे निवेश करने व भ्रष्टाचार के अन्य आरोप लगाए गए हैं। ईडी ने इन मामलों की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में जमा की है, जिसको हाई कोर्ट देख रहा है।
झारखंड सरकार ने SC के समक्ष रखे तीन मुद्दे
दरअसल झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर तीन मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट का ध्यान आकृष्ट किया था। पहला कि झारखंड हाई कोर्ट इस जनहित याचिका में इतनी दिलचस्पी दिखा रही है कि गर्मी छुट्टी में भी मामले की सुनवाई की जा रही है। दूसरी बात यह कि ईडी सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल कर रही है और उसकी जानकारी राज्य सरकार को नहीं दी जा रही है। तीसरी और सबसे अहम बात यह है किइस मामले में जनहित याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा की मंशा सही नहीं है। उन्होंने पहले भी सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ कई जनहित याचिका दाखिल की थी जिसे खारिज कर दिया गया था और उन पर फर्जी याचिका दाखिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया गया था।
Read also: CBI ने किया RJD चीफ लालू यादव के खिलाफ नया मामला दर्ज, कई जगहों पर ली तलाशी
Read also: SC का फैसला, 34 साल पुराने रोड रेज मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की जेल
सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार की ये दलील स्वीकार करते हुए झारखंड हाईकोर्ट को पहले इस बात पर सुनवाई करने का आदेश दिया की ये याचिका जनहित याचिका के दायरे में आती है या नहीं। और क्या ये याचिका सुनने के लायक भी है या नहीं। उसके बाद ये देखा जायेगा की जनहित याचिका में लगाए गए आरोपों की जांच होगी या नही।
Read also: Exclusive: अब नहीं मिलेगा मुखियाजी को शस्त्र का लाइसेंस, सरकार ने निरस्त किया अपना आदेश