कोरोना संक्रमण से बचाव करेंगी ये दो दवाइयां, भारत सरकार ने साझा की जानकारी

नई दिल्लीः कोरोना संक्रण से बचने के उपायों को लेकर लिए भारत सरकार ने एक एक अहम जानकारी साझा की है। दी गई जानकारी के मुताबिक CIMAP लखनऊ के शोधकर्ताओं ने ‘सिम-पोषक’ और ‘हर्बल कफ सिरप’ के रू में दो नये हर्बल उत्पाद विकसित किए हैं। ये दोनों उत्पाद प्रतिरक्षा को बढ़ाने में प्रभावी पाए गए हैं।

CIMAP के विकसित किए ये दोनों हर्बल उत्पाद वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने के साथ-साथ सूखी खांसी के लक्षणों को कम करने में भी मददगार हो सकते हैं, जिसका संबंध आमतौर पर कोविड-19 संक्रमण में देखा गया है। इन उत्पादों में पुनर्नवा, अश्वगंधा, मुलेठी, हरड़, बहेडा और सतावर सहित 12 मूल्यवान जड़ी बूटियों का उपयोग किया गया है।

इसकी जानकारी साझा करते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि सिमैप के ये दोनों उत्पाद कोविड-19 के संक्रमण को रोकने में सहायक हो सकते हैं। इनके इस्तेमाल से शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढाया जा सकता है, साथ ही सूखी खांसी को लक्षणों को भी कम किया जा सकता है।

बता दें सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमेटिक प्लांट्स (सीमैप) वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की एक घटक प्रयोगशाला है। इसने अपने हर्बल उत्पादों ‘सिम-पोषक’ और ‘हर्बल कफ सिरप’ की तकनीक को उद्यमियों और स्टार्ट-अप कंपनियों को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है।

CIMAP के निदेशक डॉ प्रबोध के. त्रिवेदी ने कहा, “इन हर्बल उत्पादों के निर्माण के लिए संस्थान स्टार्ट-अप कंपनियों एवं उद्यमियों से करार के बाद उन्हें पायलट सुविधा प्रदान करेगा। सीमैप में स्थित यह पायलट प्लांट अत्याधुनिक सुविधाओं और गुणवत्ता नियंत्रण सेल से लैस है।”

CIMAP के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. डीएन मणि ने कहा है कि “वैज्ञानिक अध्ययनों में ‘सिम-पोषक’ को बाजार में उपलब्ध दूसरे प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले उत्पादों की तुलना में बेहतर पाया गया है। यह अन्य उत्पादों के मुकाबले सस्ता भी है तथा इसे जैविक परीक्षणों में सुरक्षित और प्रभावी पाया गया है। इसी तरह, हर्बल कफ सिरप को आयुष मंत्रालय के नवीनतम दिशा-निर्देशों के आधार पर विकसित किया गया है, और इसे आयुर्वेद के ’त्रिदोष’सिद्धांत के आधार पर तैयार किया गया है।”

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सीमित कर देता है। यह भी देखा गया है कि इस महामारी ने ज्यादातर कम प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार संक्रमण के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है और कोविड-19 से लड़ने में कारगर साबित हो सकता है।

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