नई दिल्लीः भारत ने चीन पर Surgical strike कर दिया है। चीन पर Surgical strike के लिए भारत ने न तो गोले बरसाए हैं ना तो गोलियां दागी हैं, लेकिन चीन की हालत खराब हो गई है। दरअसल मेड इन चाइना के सबसे बड़े उपभोक्ता रहे भारत ने अपने बाजारों को मेक इन इंडिया बना दिया है। भारत ने चाइनीज़ सामानों का बहिस्कार करना शुरू कर दिया है और तेजी से आत्म निर्भरता की तरफ बढ़ चला है। भारत की इस आत्मनिर्भरता ने बिना खून खराबा किए चीन की हालत खराब कर दी है, उसकी इकोनॉमीकल मोनोपॉली को ध्वस्त कर दिया है। बाजारों को आप खुद देखिए, क्या ये किसी युद्ध से कम हैं।
भारत के बाजारों में पहले चीन की तूती बोलती थी। लेकिन अब वैसा नहीं है, क्योंकि यह नया भारत है। जहां लोग वही हैं, उनकी सोच बदल गई है। लोगों का आत्मबल बढ़ गया है वे अब आत्मनिर्भर हो गए हैं। लोगों ने अपनी काबिलीयत को पहचान लिया है और अब अपनी मेहनत से अपनी इबारत लिखनी शुरू कर दी
बात कुछ साल पहले की करें तो आजाद भारत के बाजार चिन के गुलाम थे। छोटी से बड़ी बाजार के हर चीज पर चीन का प्रभाव था। सस्ते और लुभावने चाइनीज़ सामानों से भारत के बाजार पटे पड़े थे। बात केवल भारत के खिलौना बाजार की करें तो उस पर चीन की 75% हिस्सेदारी थी। लेकिन अब वैसा नहीं है। लोगों का चाइनीज़ सामानों से मोह भंग हो गया है, आत्मनिर्भर भारत में अब लोग मेक इन इंडिया पर यकीन करने लगे हैं।
भारत के इन कदमों की वजह से भारत के पक्ष में बेहतरी सामने आई है। दिलचस्प बात यह है कि चीन से आयात में कमी हुई है और निर्यात में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी से जून तक भारत के लिए चाइनीज आयाता में 24.7 प्रतिशत की कमी देखी गई है, जिसमें हर महिनें वृद्धि हो रही है।