-Advertisement-

चीन की अकड़ निकली, पूर्वी लद्दाख से सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटाने पर हुआ राजी

नई दिल्ली: हिन्दी में एक कहावत है,’अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे’। कुछ ऐस ही हाल चीन का है। ड्रेगन 5 मई से 5 जुलाई की दो महीने की लंबी अवधि तक तमाम हथकंडे अपनाकर भी भारत पर दबाव बनाने में बुरी तरह नाकाम रहा। चीन अब शांति का राग अलापने लगा है।

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर धौंस दिखाकर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने का सपना देख रहे चीन को भारत से तो मुंहतोड़ जवाब मिला ही, विश्व बिरादरी में भी उसके खिलाफ जबर्दस्त माहौल बन गया। अब चीन समझ चुका है कि वो अपने ही फेंके जाल में बुरी तरह फंस गया तो सीमा पर शांति और संयम की दुहाई देने लगा। यही वजह है कि उसने भारत के साथ दोबारा अमन की बहाली की प्रक्रिया तेज कर दी है।

चीन की धौंस नहीं चली तो बातचीत से मामला हल करने में जुटा

इसी सिलसिले में चीन ने भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद पर राजनयिक स्तर की वार्ता की और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति पूरी तरह बहाल करने के लिए क्षेत्र से सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने पर सहमति जताई।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य प्रणाली (WMCC) की रूपरेखा के तहत वार्ता आयोजित की गई।

शांति बहाल करने की कोशिश

मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय समझौतों तथा प्रोटोकॉल के अनुरूप सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन पूरी तरह बहाल करने के लिए एलएसी के आसपास सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने की बात दोहराई। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘उन्होंने इस बात पर भी सहमति जताई कि द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में दीर्घकालिक अमन-चैन बनाए रखना जरूरी है।’

LAC से सैनिकों के पीछे हटाने पर सहमति

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई बातचीत में भारतीय पक्ष की अगुवाई विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने की, वहीं चीनी पक्ष का नेतृत्व चीन के विदेश मंत्रालय में सीमा और समुद्री विभाग के महानिदेशक ने किया। मंत्रालय ने कहा, ‘उन्होंने भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में हालात की समीक्षा की जिसमें पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर जारी सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया की प्रगति की समीक्षा भी शामिल है।’ उसने कहा कि दोनों पक्षों ने सहमति जताई कि वरिष्ठ कमांडरों के बीच हुई सहमतियों को गंभीरता से लागू करने की जरूरत है।

सैन्य और कूटनीतिक बातचीत जारी

भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले करीब आठ सप्ताह से कई जगहों पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। पिछले महीने गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद तनाव और बढ़ गया। चीनी सेना ने पिछले पांच दिन में भारतीय सेना के साथ सहमतियों के अनुरूप गतिरोध वाले तीन बिंदुओं से सैनिकों की वापसी कराई है। क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए दोनों पक्षों ने पिछले कुछ सप्ताह में कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ताएं की हैं।