भूतपूर्व सैनिकों के सम्मान में देश भर में मनाया गया पूर्व सैनिक दिवस

नई दिल्लीः भारतीय सशस्त्र बलों ने 7वां सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस मनाया। भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ओबीई वर्ष 1953 में इसी दिन सेवानिवृत्त हुए थे। उनके द्वारा प्रदान की गई सेवाओं का स्मरण करने और उन्हें सम्मान देने के उद्देश्य से पूर्व सैनिक दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर देहरादून, दिल्ली, जालंधर चंडीगढ़,झुंझुनू, पानागढ़, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता शहर में पुष्पांजलि समारोह हुए और भूतपूर्व सैनिकों की बैठकें आयोजित की गईं। इसका उद्देश्य भूतपूर्व सैनिकों की राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा और उनके बलिदान के सम्मान के प्रतीक के रूप में हमारे बहादुर सिपाहियों के परिजनों (एनओके) तथा भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के प्रति वचनबद्धता एवं एकजुटता को मजबूत करना है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ देहरादून में भूतपूर्व सैनिक सम्मेलन में भाग लिया। राज्य रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर चेन्नई में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। राजधानी दिल्ली में प्रमुख कार्यक्रम दिल्ली छावनी स्थित मानेकशॉ सेंटर में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में तीन सेनाओं के प्रमुखों, सीआईएससी और पूर्व सैनिक कल्याण सचिव (ईएसडब्ल्यू) के साथ-साथ सशस्त्र बलों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस मौके पर सैनिकों के परिजन, भूतपूर्व सैनिक और विभिन्न पूर्व सैनिक संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

इस दौरान तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भारतीय सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिकों के लिए विभिन्न कल्याण विभागों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कल्याणकारी उपायों का उल्लेख किया। सेना प्रमुखों ने राष्ट्र निर्माण में पूर्व सैनिकों द्वारा की गई निस्वार्थ राष्ट्र सेवा के महत्त्व पर भी प्रकाश डाला। पूर्व सैनिकों के सम्मान में सभी सार्वजनिक स्थानों पर “वी फॉर वेटरन्स” गीत भी बजाया गया। समारोह के दौरान सम्मान पत्रिका का विमोचन भी हुआ, जो भारतीय सेना पूर्व सैनिक निदेशालय (डीआईएवी) द्वारा प्रकाशित होने वली एक वार्षिक पत्रिका है, जिसमें सूचनात्मक लेख तथा वरिष्ठ सैनिकों के लिए उनकी रुचि के विभिन्न विषय शामिल हैं। इस अवसर पर भारतीय वायु सेना ने वायु संवेदना पत्रिका का भी विमोचन किया।

सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस 14 जनवरी, 2017 से मनाया जा रहा है। यह दिन सेवानिवृत्त, सेवारत जनों और देश के बीच सौहार्द सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उन नायकों को प्रतिबिंबित करने, स्मरण करने तथा उनका सम्मान करने के लिए समर्पित है, जिन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है और निस्वार्थ भाव से देश की सेवा की है।

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