चीन में मानव से मानव में फैलने वाली बीमारी ब्यूबानिक प्लेग खतरा

बीजिंग: उत्तरी चीन के एक अस्पताल में रविवार को ब्यूबानिक प्लेग का एक संदिग्ध मामला सामने आने के बाद वहां के प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। सरकारी पीपुल्स डेली ऑनलाइन की खबर के मुताबिक आंतरिक मंगोलियाई स्वायत्त क्षेत्र, बयन्नुर में प्लेग की रोकथाम और नियंत्रण के लिए तीसरे स्तर की चेतावनी जारी की गई है।
ब्यूबानिक प्लेग का यह संदिध मामला बयन्नुर के एक अस्पताल में शनिवार को सामने आया। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने यह चेतावनी 2020 के अंत तक के लिए जारी की है।
स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकार ने कहा कि इस समय इस शहर में मानव प्लेग महामारी फैलने का खतरा है। जनता को आत्मरक्षा के लिए जागरुकता और क्षमता बढ़ानी चाहिए और असामान्य स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में तत्काल जानकारी देनी चाहिए।

क्या है और कैसे फैलता है ब्यूबोनिक प्लेग ?

ब्यूबोनिक प्लेग को गिल्टीवाला प्लेग भी कहते हैं जिसमें शरीर में असहनीय दर्द, तेज बुखार तथा नाड़ी गति तेज होती है फिर दो तीन दिन में गिल्टी निकलती है और दो सप्ताह में पक
जाती है। इसके बाद दर्द आग से भी ज्यादा जलन देता है।
प्लेग सबसे पहले चूहा को होता है फिर जब चूहे मरते हैं तो प्लेग के जीवाणुओं से भरे पिस्सू चूहे को छोड़कर आदमी के शरीर में प्रवेश कर जाता है। और जब आदमी को यह पिस्सू काटता है तो अपने अंदर भरा संक्रामक द्रव्य रक्त में उगल देता है जिससे मनुष्यों को यह संक्रमित कर देता है। बता दें कि चूहों का मरना आरंभ होने के दो तीन सप्ताह बाद मनुष्यों में प्लेग फैलता है।

क्या होता ब्यूबानिक प्लेग?

मध्य युग में “ब्लैक डेथ” के रूप में जाना जाने वाला बुबोनिक प्लेग एक अत्यधिक संक्रामक और बेहद घातक बीमारी है जो ज्यादातर चूहों (rodents) द्वारा फैलता है. प्लेग के तीन रूपों में से
एक ब्यूबोनिक प्लेग होने पर दर्दनाक, सूजन लिम्फ नोड्स, साथ ही साथ बुखार, ठंड लगना और खांसी आती है. ये प्लेग अभी भारत में नहीं पहुंचा है लेकिन चीन के पड़ोस में होने के कारण इसका
खतरा हमेशा बना रहता है.
चीनी अधिकारी लोगों से मानव-से-मानव संचरण के जोखिम को कम करने और शिकार करने या जानवरों को खाने से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने का आग्रह कर रहे हैं. क्योंकि इससे
संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है.
इस बीच, रूस ने चीन और मंगोलिया के साथ अपनी सीमा के पास शिकार करने वाले लोगों को रोकने के लिए गश्त तेज कर दी है. कजाकिस्तान, चीन और मंगोलिया की सीमाओं पर स्थित रूस
ने अपने अल्ताई क्षेत्र में गश्त तेज कर दी है. अधिकारियों के मुताबिक शिकार करने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाया जा सके और चेतावनी दी जा सके इसलिए गश्त दी जा रही है.