पटनाः प्रदेश के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह (Chandrashekhar Singh) द्वारा रामचरित्र मानस पर दिए गए बयान को लोजपा रामविलास ने बेहद निंदनीय बताया है। लोजपा (रा) के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता राजेश भट्ट (Rajesh Bhatt) ने बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस असंवेदनशील बयान से बिहार की जग हंसाई हो रही है।
राजेश भट्ट ने कहा कि प्रदेश की सरकार के मंत्री इस तरह का गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं, जिससे समाज में अस्थिरता कायम होने का खतरा है। ऐसे बयानों से सामाजिक समरसता भंग हो सकती है, बावजूद मुख्यमंत्री द्वारा उन पर अभी तक कोई भी कार्रवाई ना किया जाना बेहद अफसोसजनक है।
भट्ट ने कहा कि अगर शिक्षा मंत्री सही मायने में मानते हैं कि रामचरित मानस नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है, तो वे उसे बैन करके दिखाएं! महज सस्ती लोकप्रियता के लिए उन्हें ऐसी घटिया बयानबाजी से परहेज करना चाहिए।
Read also: Samadhan Yatra: पर्यटन के मजे ले रहे नीतीश, एक गाँव सजाकर अधिकारी दिखा रहे बिहार का विकास- नेहा झा
भट्ट ने चंद्रशेखर सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि एक शिक्षा मंत्री की समाज के प्रति बेहद अहम जिम्मेदारी होती है। उन्हें प्रदेश मे सामाजिक समरसता और एकजुटता कायम करने में सहयोगी भूमिका अदा करनी चाहिए। उन्हें छात्रों में एकता की भावना का प्रसार करनी चाहिए, न कि बटवारे की राजनीति। अगर प्रदेश का शिक्षा मंत्री ही बटवारे की राजनीति करने लगेंगे तो प्रदेश को क्या दिशा मिलेगा यह विचारणीय है।
Read also: रामचरित मानस विवादः चंद्रशेखर सिंह के बयान को गलत संदर्भ में लिया गया- राजद
रामचरित मानस पर शिक्षा मंत्री की बेतुकी टिप्पणी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी को आड़े हाथों लेते हुए लोजपा (रा) नेता ने कहा कि यह बयान मुख्यमंत्री के शह पर दिया गया है। शिक्षा मंत्री भी कहीं ना कहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री का अनुकरण कर रहे हैं जिन्होंने हमेशा समाज के बटवारे की राजनीति कर के ही सत्ता हासिल की है। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले वाले शिक्षा मंत्री पर मुख्यमंत्री आखिर क्यों चुप्पी साधे हुए हैं, उन्होंने अब तक शिक्षा मंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया?