Exclusive: अब नहीं मिलेगा पंचायत प्रतिनिधियों को शस्त्र का लाइसेंस, सरकार ने निरस्त किया अपना आदेश

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पटनाः प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों को अब नहीं मिलेगा आग्नेयास्त्र का लाइसेंस। बिहार पंचायती राज विभाग ने अपने पिछले आदेश पर तत्कार प्रभाव से रोक लगा दिया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक गृह विभाग ने उस आदेश पर असहमति जताई थी, जिसकी वजह से पंचायती राज विभाग को अपना वह आदेश निरस्त करना पड़ा है।

सूत्रों की मानें, तो बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों की संख्या लगभग 2.5 लाख है। ऐसे में यह संभव नहीं कि इतने लोगों के अभ्यावेदनों की समीक्षा कैंप लगा कर की जा सके। इसके अलावें इतनी तादाद में आभ्यावेदनों की समिक्षा के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगं को लगाना होगा, जिससे दूसरे काम प्रभावित होंगे। दूसरी तरफ गृह विभाग को यह भी लग रहा है कि यदी किन्हीं कारणों से अभ्यावेदनों की समिक्षा सही तरिके से नहीं हो सकी तो निश्चित तौर पर सरकार के लिए यह परेशानी का सबब बनेगा।

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आपको बता दें, प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों हो रही हत्या को बिहार सरकार ने गंभीरता से लेते हुए उनकी सुरक्षा के मद्देनज़र उन्हें आग्नेयास्त्र का लाइसेंस दिए जाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। इस बाबत पंचायती राज विभाग की तरफ से सभी जिला पदाधिकारियों को यह आदेश दिया गया था कि वे विशेष शिविर लगाकर निर्वाचित जन-प्रतिनिधियों से प्राप्त लाइसेंस संबंधी अभ्यावेदन की विस्तृत समीक्षा करें और उन्हें लाइसेंस निर्गत करें।

बिहार पंचायती राज विभाग द्वारा जारी नया आदेश
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