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सावधान! WHO के समक्ष वैज्ञानिकों का दावा- हवा से भी फैलता है कोरोना वायरस

नई दिल्लीः चीन के बुहान से पैदा हुआ कोरोना वायरस अबतक पूरी दुनिया के लिए रहस्य ही बना हुआ हैं। यही वजह है कि इस पर लगातार शोध चल रहे है और हर शोध में इससे जुड़ी कुछ ना कुछ नई बाते निकलकर सामने आ रही हैं। ताजा जानकारी इसके प्रसार से जुड़ा है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस का संक्रमण हवा से भी फैलता है। हानांकि इससे पहले WHO ने कहा था कि कोरोना हवा से लोगों में नहीं फैलता।

32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि यह जानलेवा वायरस हवा के जरिए भी लोगों में फैलता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना वायरस के छोटे-छोटे कण हवा में भी जिंदा रहते हैं और वे भी लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में छपी एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, शोध के बाद सामने आए निष्कर्स के आलोक में वैज्ञानिकों ने WHO से इस वायरस की संस्तुति (recommendation) में तुरंत संशोधन करने का अनुरोध किया है।

कोरोना पर शोध कर रहे 32 देशों के इन 239 वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को एक खुला पत्र लिखा है। पत्र में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उनके पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं इस वायरस के छोटे-छोटे कण हवा में तैरते रहते हैं, जो लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। यह लेटर साइन्टिफिक जर्नल में अगले सप्ताह प्रकाशित होगा।

वहीं, WHO में कोरोना टेक्निकल टीम के हेड डॉ बेनेडेटा अलेगरैंजी ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि ‘हमने यह कई बार कहा है कि यह वायरस एयरबोर्न भी हो सकता है, लेकिन अभी तक ऐसा दावा करने के लिए कोई ठोस और साफ सबूत नहीं मिले हैं।

बता दें जब कोरोना वायरस ने चीन के बाहर दूसरे देशों में अपना पांव पसारना शुरू किया था, तो WHO ने इस वायरस के फैलने के तरीकों को साफ करते हुए कहा था कि इस वायरस का संक्रमण हवा से नहीं फैलता है। WHO ने तब साफ किया था कि यह खतरनाक वायरस सिर्फ थूक के कणों से ही फैलता है। ये कण कफ, छींक और बोलने से शरीर से बाहर निकलते हैं। थूक के कण इतने हल्के नहीं होते जो हवा के साथ यहां से वहां उड़ जाएं।