नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपातकाल की 46वीं बरसी पर इमरजेंसी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने वाले शख्सियतों को याद करने के बहाने कांग्रेस पर निशाना साधा है। पीएम मोदी ने कहा है कि इमरजेंसी के जरीए कांग्रेस ने हमारे लोकतांत्रिक लोकाचार का दमन किया।
आपातकाल की 46वीं बरसी पर ट्वीट की एक श्रृंखला में, प्रधानमंत्री ने कहा,“आपातकाल के उन बुरे दिनों को कभी नहीं भुलाया जा सकता। 1975 से 1977 की समयावधि संस्थानों के सुनियोजिततरीके से विनाश की साक्षी रही है।”
The #DarkDaysOfEmergency can never be forgotten. The period from 1975 to 1977 witnessed a systematic destruction of institutions.
Let us pledge to do everything possible to strengthen India’s democratic spirit, and live up to the values enshrined in our Constitution.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2021
पीएम ने आगे लिखा,’आइए हम भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करेंऔर हमारे संविधान में निहित मूल्यों पर खरा उतरनें का संकल्प लें। इस तरह से कांग्रेस ने हमारे लोकतांत्रिक लोकाचार का दमन किया। हम उन सभी महानुभावों को याद करते हैं जिन्होंने आपातकाल का विरोध करते हुए भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की।
This is how Congress trampled over our democratic ethos. We remember all those greats who resisted the Emergency and protected Indian democracy. #DarkDaysOfEmergency https://t.co/PxQwYG5w1w
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2021
आपातकाल की बरसी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन सभी महानुभावों को भी याद किया जिन्होंने आपातकाल के ख़िलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की और भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की।
दमन, उत्पीड़न और गला घोंटने के पर्यायवाची बन चुके प्रधानमंत्री- सुरजेवाला
इधर पीएम के ट्वीट के बाद कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने आपातकाल पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ”दमन, उत्पीड़न और गला घोंटने के पर्यायवाची बन चुके प्रधानमंत्री ऐसी बात करते हैं। एक ऐसे प्रधानमंत्री जिन्होंने संसद को कमतर किया, संविधान की धज्जियां उड़ा दीं, संस्थाओं को ध्वस्त कर दिया, लोकतंत्र को कुचल दिया। ऐसे प्रधानमंत्री को उपदेश नहीं देना चाहिए, जिनके तहत सात वर्षों से भारत ‘मोदी-जेंसी में है।
Says a PM, who is synonymous with three “S” – Suppress, Stifle & Subjugate.
A PM-who has undermined Parliament,
A PM-who has disdain for Constitution,
A PM-who has eroded Institutions,
A PM-who has trampled Democracy,
shouldn’t preach, for India is under ‘Modi-gency’ for 7 yrs. https://t.co/1raTpP8eLx— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 25, 2021
इमरेजेंसी के लिए कांग्रेस ने मांगी थी देश से माफी, जबकि RSS ने विदेशी शक्तियों से- पवन खेड़ा
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ट्वीट किया, ”आधिकारिक रूप से लगाए और हटाए गए आपातकाल की स्पष्ट सीमाएं थीं, लेकिन आज हम जो देख रहे हैं वो उससे उलट है। कांग्रेस ने इसके लिए अपने देश के लोगों से माफी भी मांगी, जबकि आरएसएस ने विदेशी शक्तियों से माफी मांगी थी। भारत के लोगों ने कांग्रेस को माफ कर दिया और आपातकाल के दो-ढाई साल के भीतर उसे फिर सत्ता में लाए। उन्होंने यह दावा भी किया कि आरएसएस ने ‘1975 और 2014 के आपातकाल दोनों का समर्थन किया था।
▪️The officially imposed & withdrawn emergency had clear contours, unlike what we see today
▪️Congress apologised (unlike RSS which only apologises to foreign powers)
▪️India forgave @INCIndia & brought it back to power within 2-1/2 years
▪️RSS supported emergency of 1975 & 2014 https://t.co/xKCLoWOH64— Pawan Khera (@Pawankhera) June 25, 2021
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित केंद्र के सत्ताधारी दल के कई नेताओं ने आपातकाल की 46वीं बरसी पर शुक्रवार को कांग्रेस की खूब निंदा की और आपातकाल के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले ”सत्याग्रहियों को याद किया।
देश में 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी जो से 21 मार्च 1977 तक यानी कुल 21 महीने जारी रहा। उस समय इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं।