नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद कौन नया सीएम बनेगा, इस पर बहस—आकलन हो रहे हैं। एक ओर लोजपा का आक्रामक रुख तो तेजस्वी की सभा में आ रही भीड़ है। चुनाव क्षेत्र में जदयू के मंत्रियों को खदेड़े जा रहे हैं। अब एक ओपिनियन पोल बता रहा है कि 60 फीसद लोग नीतीश से नाराज हैं। फिर भी नीतीश की वापसी का अनुमाल लगाया जा रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में किसको कितनी सीटें
सर्वे में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। उसे 133-143 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं महागठबंधन को 88-98 सीट, लोजपा को 2-6 सीट और अन्य को 6 से 10 सीटें मिलने का अनुमान है। साफ है कि बिहार में इस बार भी एनडीए की सरकार आ सकती है और सीएम नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे।
सर्वे की खास बातें
लोकनीति-सीएसडीएस के ओपीनियन पोल में यह नतीजा आया है। इसमें 37 विधानसभा सीटों के 148 बूथों को कवर किया गया और 3700 से अधिक लोगों से बात की हुई। इसमें नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के लिए पहली पसंद बने हुए हैं लेकिन महागठबंधन नेता तेजस्वी यादव उनसे ज्यादा दूर नहीं हैं।
मुख्यमंत्री के रूप में लोगों की पहली पसंद नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री के रूप में लोगों की पहली पसंद नीतीश कुमार हैं। 31 फीसद लोगों की पसंद के साथ वो पहले नंबर पर हैं तो तेजस्वी यादव 27 फीसद लोगों की पसंद के साथ दूसरे, लोजपा प्रमुख चिराग पासवान 5 फीसद के साथ तीसरे और भाजपा के सुशील मोदी 4 फीसद लोगों की पसंद के साथ चौथे स्थान पर हैं। सर्वे में 52 % लोग नीतीश सरकार के काम से संतुष्ट तो 44 फीसद असंतुष्ट हैं। वहीं, 61 फीसद लोग मोदी सरकार के कामकाज से खुश दिखे तो वहीं 35 फीसद लोगों ने नाखुशी जताई है।
एक सप्ताह पहले हुआ सर्वे
सर्वे 10 से 17 अक्टूबर के बीच हुआ जिनमें 60 फीसद पुरुष और 40 फीसद महिला मतदाताओं से बात की गई। सर्वे में 90 फीसद सैंपल ग्रामीण इलाकों से और 10 फीसद शहरी इलाकों के लोगों से बात की गई। इनमें हर आयुवर्ग के लोग शामिल थे।
चुनावी मुद्दा क्या
चुनावी मुद्दा पर 29 फीसद लोगों ने माना कि विकास चुनावी मुद्दा होना चाहिए। जबकि 20 फीसद बेरोजगारी, 11 फीसद महंगाई, 6 फीसद गरीबी और 7 फीसद लोगों ने शिक्षा को चुनावी मुद्दा माना।