Mother’s Day 2025: IGIMS कैंपस स्थित DAV में मातृशक्ति का हुआ सम्मान

अभय पाण्डेय
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पटना: Mother’s Day 2025 (मातृ दिवस 2025) के मौके पर राजधानी पटना के IGIMS कैंपस स्थित DAV Public School में शुक्रवार को मातृशक्ति के सम्मान में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की माताओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इस दौरान जहां स्कूल के नन्हें-मुन्ने बच्चों ने गीत-संगीत और डांस प्रस्तुत किए, वहीं कई तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं जिसमें उपस्थित माताओं ने भाग लिया और पुरस्कार भी जीते।

कार्यक्रम प्रस्तुत करते बच्चे

कार्यक्रम की शुरूआत विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सविता सिन्हा ने और अतिथि स्वरूप उपस्थित माताओं ने सम्मीलीत रुप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान प्रधानाध्यापिका सविता सिन्हा ने उपस्थित माताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह बात अलग है कि आज हम मातृ दिवस मना रहे हैं, लेकिन सच मानिए तो माँ के लिए कोई एक दिन नहीं, अपितु हर दिन माँ के लिए समर्पित होता है।

सविता सिन्हा, प्रधानाध्यापिका, DAV, IGIMS Campus

उन्होंने कहा कि माता को एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। माता को जीवन देने वाली, प्रेम और ममता का प्रतीक माना जाता है। इस धरती पर मातृशक्ति से बड़ी कोई दूसरी शक्ति नहीं। हर युग में माँ सर्वशक्तिमान रही है। वह वंदनीय है, उसके त्याग, समर्पण और सहनशीलता की तुलना किसी और से नहीं की जा सकती।

स्कूल में आयोजित मनोरंजक प्रतिस्पर्धा में भाग लेती माताएं

श्रीमती सिन्हा ने आगे कहा कि मनुष्य ही नहीं इस सृष्टि के हर प्राणी की सृजनकर्ता माँ होती है। माँ बच्चों के जन्म से लेकर उनके पालन-पोषण तक का बोझ उठाती है। वह बच्चों में संस्कार का सृजन करती है। माँ इस धरा पर प्रत्यक्ष ईश्वर का रूप है।

उन्होंने कहा कि मँ द्वारा की गई रचना सबसे सुन्दर, अद्वितीय और सबसे अद्भुत होती हैं। वह त्याग और सहनशीलता की सबसे बड़ी मिसाल है। वह ईश्वर की साक्षात प्रतिमूर्ति होती हैं जिसकी ना तो किसी से तुलना हो सकती है ना कोई अन्य विकल्प हो सकता है।

आगे श्रीमती सिन्हा ने माताओं को अपने बेटों-बेटियों के प्रति जिम्मेदारियों को लेकर कहा कि वैसे तो हर माँ अपनी जिम्मेदारियों का कुशलता पूर्वक निर्वहन करती हैं, लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं जो जाने-अनजाने नहीं चाहते हुए भी वह कर गुजरती हैं। ऐसी बातों पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए जिनमें अपने ही बच्चों के बीच तुलनात्मक दृष्टिकोण रखना।

Mother's Day 2025, DAV IGIMS Campus, DAV Patna

उन्होंने कहा कि कभी अपने बच्चों की तुलना एक दूसरे से नहीं की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों का स्वभाव होता है जिद्द करना, जिसे माताएं पूरी भी करती हैं, लेकिन कोई जरूरी नहीं की बच्चों की हर माँग को पूरा किया जाए कुछ मांगों को नज़रअंदाज करना भी जरूरी होता है।

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आप एक युवा पत्रकार हैं। देश के कई प्रतिष्ठित समाचार चैनलों, अखबारों और पत्रिकाओं को बतौर संवाददाता अपनी सेवाएं दे चुके अभय ने वर्ष 2004 में PTN News के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। इनकी कई ख़बरों ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं।