अरुणाचल में जदयू की टूट के बाद राजद में सत्ता की वापसी की उम्मीद जगी

पटना: अरुणाचल प्रदेश में झटका लगने के बाद सियासी हवा एक बार फिर गर्म हो गई है। विभिन्न दलों की प्रतिक्रियायें आनी ही थी, आ भी रही है लेकिन राजद को लग रहा है कि अब सत्ता वनवास खत्म होने को है और वह लपलपाये मुंह से बयान दे रही है।

क्या कहते हैं दल

भाजपा पर जदयू को तोड़ने का आरोप लगा है। ऐसे में उसके प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल कहते हैं कि भाजपा—जदयू की सरकार बिहार में अच्छे से चल चल रही है। सो चिंता की बात नहीं। लेकिन उसी दल के नेता रामेश्वर चौरसिया ने कहा है कि अरुणाचल की घटना के लिए खुद नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। उनके मुताबिक जदयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है सो उनके नेता सुरक्षित भविष्य की तलाश में जुट गए हैं।

लोजपा—कांग्रेस का तंज

लोजपा और कांग्रेस का मानना है कि भाजपा ने जदयू को कट टू साइज कर दिया है। ऐसे में मध्यावधि चुनाव के लिए तैयारी करनी होगी। कांग्रेस ने तो भाजपा से बच कर रहने की सलाह दे डाली है।

जदयू का पक्ष

उधर जदयू इस नुकसान पर तीखी प्रतिक्रिया देने से बच रहा है। शालीन भाषा में पार्टी के महासचिव केसी त्यागी कहते हैं कि भाजपा ने अमित्रतापूर्ण व्यवहार किया है। वैसे अभी कार्यकारिणी चल रही है और अंतिम दिन यानी 27 दिसंबर को कुछ सामने आये।

राजद को उम्मीद

लेकिन राजद इसे अपने लिए उम्मीद के तौर पर देख रहा है। उसके नेता जदयू को आॅफर दे रहे हैं कि भाजपा को छोड़ राजद के साथ आकर तेजस्वी के नेतृत्व में सरकार का गठन कर लें। इससे उसका राजनीतिक वनवास खत्म भी हो जायेगा। लेकिन दोनों के बीच रंजिश की खाई इतनी गहरी हो चुकी है कि ऐसा होना कपोल कल्पना से अधिक कुछ नहीं।

अजय वर्मा
अजय वर्मा
समाचार संपादक