नई दिल्लीः केंद्रीय कर के वंचन रोधी विंग, दिल्ली पश्चिम आयुक्तालय के अधिकारियों ने 23 शेल कंपनियों के नेटवर्क के इस्तेमाल द्वारा 1709 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) सहित 7896 करोड़ रुपये के नकली चालान के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इनमें खरीद और माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना चालान तैयार किया जाता था। इस मामले में 29 फरवरी, 2020 को दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
आरोपी व्यक्ति फर्जी चालान के आधार पर ITC को पारित करने के उद्देश्य से कई फर्जी कंपनी बनाकर कर की चोरी कर रहे थे। ITC को वास्तविक बनाने के लिए उन्होंने बैंकिंग लेनदेन का भी इस्तेमाल किया।
इन फर्मों ने खरीदारों को फर्जी चालान जारी किया, जिन्होंने वास्तव में किसी भी सामान को प्राप्त किए बिना धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया और जीएसटी देयता के लिए अयोग्य ITC का लाभ उठाकर सरकारी खजाने को धोखा दिया। वे कई मोबाइल फोन, कंप्यूटर और गलत दस्तावेजों के साथ अपने ठिकाने में पकड़े गए।
आरोपियों ने CGST अधिनियम, 2017 की धारा 132 (1-B) और धारा 132 (1-C) के तहत अपराध किए हैं, जो धारा 132 (5) के प्रावधानों के अनुसार संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध हैं तथा CGST अधिनियम, 2017 की धारा 132 की उपधारा (1) के खंड (i) CGST अधिनियम, 2017 की धारा के अनुसार दंडनीय हैं।
अभियुक्तों को CGST अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के तहत 29 फरवरी, 2020 को गिरफ्तार किया गया और मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। मामले की जांच चल रही है।