NDA से अलग हो सकता है अकाली दल: कृषि बिल के ख़िलाफ़ हरसिमरत कौर ने दिया इस्तीफ़ा, मोदी बोले किसानों को भ्रमित कर रही हैं शक्तियाँ

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन विधेयकों से NDA की सहयोगी पार्टी अकाली दल नाराज़ हो गई है। शिरोमणि अकाली दल की नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कृषि विधेयक के ख़िलाफ़ केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है।

उन्होंने ट्वीट किया है, “मैंने केंद्रीय मंत्री पद से किसान विरोधी अध्यादेशों और बिल के ख़िलाफ़ इस्तीफ़ा दे दिया है. किसानों की बेटी और बहन के रूप में उनके साथ खड़े होने पर गर्व है।”

उन्होंने प्रधानमंत्री को सौंपे अपने इस्तीफ़े में लिखा है कि कृषि उत्पाद की मार्केटिंग के मुद्दे पर किसानों की आशंकाओं को दूर किए बिना भारत सरकार ने बिल को लेकर आगे बढ़ने का फ़ैसला लिया है। शिरोमणि अकाली दल किसी भी ऐसे मुद्दे का हिस्सा नहीं हो सकती है जो किसानों के हितों के ख़िलाफ़ जाए। इसलिए केंद्रीय मंत्री के तौर पर अपनी सेवा जारी रखना मेरे लिए असभंव है।

बुधवार को अकाली दल ने ऐलान किया था कि वह किसानों के हित से समझौता नहीं करेगी और उसके नेता किसी भी कुर्बानी के लिए तैयार हैं। अकाली दल के इस बयान को ही एनडीए से अलग होने का संकेत कहा जा रहा था। अटल बिहारी वाजपेयी के वक्त से ही एनडीए के सहयोगी रहे अकाली दल की इस सांकेतिक बगावत से एनडीए में हलचल मच गई है। हालांकि सुखबीर सिंह बादल ने यह कहा है कि उनकी पार्टी एनडीए को समर्थन देती रहेगी।

पंजाब, हरियाणा और यूपी में व्यापक विरोध

दरअसल ये पूरा विवाद केंद्र के उन तीन कृषि विधेयकों से जुड़ा है, जो कि किसानों के हितों से जुड़े हुए हैं। विरोध का कारण बने ये बिल हैं- कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा)बिल, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (संरक्षण एवं सशक्तिकरण बिल) और आवश्यक वस्तु संशोधन बिल। इन तीनों बिलों के खिलाफ खड़े किसानों ने बीते दिनों हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के तमाम हिस्सों में सड़क पर उतरकर जमकर प्रदर्शन किए थे। प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ किसानों की झड़प भी हुई थी, जिसके कारण पंजाब और हरियाणा में तनाव के हालात बन गए थे।

लोकसभा में बोले बादल- पंजाब के 20 लाख किसान होंगे प्रभावित

लोकसभा में बोलते हुए गुरुवार को सुखबीर सिंह बादल ने साफ कहा कि शिरोमणि अकाली दल इस बिल का सख्त विरोध करता है। हर बिल, जो देश के लिए हैं, देश के कुछ हिस्से उसे पसंद करते हैं, कुछ हिस्सों में उसका स्वागत नहीं होता है, किसानों को लेकर आए इन तीन बिलों से पंजाब के 20 लाख हमारे किसान प्रभावित होने जा रहे हैं। 30 हजार आढ़तिए, 3 लाख मंडी मजदूर, 20 लाख खेत मजदूर इससे प्रभावित होने जा रहे हैं। अकाली दल के अलावा पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने भी मोदी सरकार की इस बिल को लेकर आलोचना की थी।