बिहार के रास्ते देश में घुसने की फिराक में तालीबानी! भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट

रक्सौलः अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे और बढ़ते प्रभाव के मद्देनज़र भारत-नेपाल सीमा पर स्थित बिहार के पूर्वी चंपारण में चौकसी बढ़ा दी गई है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और नेपाल की Armed Police Force (APF) के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने में जुटी हैं। सीमावर्ती इलाकों में विशेष सतर्कता बरतने के लिए तैनात SSB को एलर्ट कर दिया गया है। खुफिया सूत्रों का दावा है कि तालिबान समर्थित संगठनों का कई देशों में नेटवर्क है, ऐसे में वे अपने प्रभाव को स्थापित और विस्तार देने के लिए उनका इस्तेमाल कर सकते हैं।

हालात के मद्देनज़र रक्सौल के बार्डर इलाके में इंटरनेट से लेकर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल पर नजर रखी जा रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि रक्सौल इलाके में कार्यरत करीब आधा साइबर कैफे और बार्डर पार नेपाल के परसा और बारा के लगभग एक दर्जन साइबर कैफे में आने वाले लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। रक्सौल-दिल्ली व काठमांडू को जोडऩेवाले मुख्य मार्ग पर गाडिय़ों की जांच बढ़ा दी गई है। नेपाल से जुडऩे वाले ग्रामीण रास्तों की भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है।

बता दें, भारत विरोधी संगठन नेपाल की धरती का भी इस्तेमाल करते रहे हैं। बार्डर इलाके से पिछले 10 वर्षों में एक दर्जन से अधिक ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनका संबंध विभिन्न आतंकी संगठनों से रहा है। भारत और नेपाल के बीच रक्सौल के अलावा पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी और मधुबनी में भी सीमा जुड़ी है। कोरोना संक्रमण के कारण पिछले 19 माह से बार्डर सील है। इसके बावजूद दोनों देशों के लोग चोरी-छिपे ग्रामीण रास्तों से आ-जा रहे हैं। इसमें आदपुर, भेलाही, घोड़ासहन को काफी संवेदनशील माना जाता है। खुफिया विभाग को शक है कि इन रास्तों से अवांछित गतिविधियां हो सकती हैं।

अभय पाण्डेय
अभय पाण्डेय
आप एक युवा पत्रकार हैं। देश के कई प्रतिष्ठित समाचार चैनलों, अखबारों और पत्रिकाओं को बतौर संवाददाता अपनी सेवाएं दे चुके अभय ने वर्ष 2004 में PTN News के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। इनकी कई ख़बरों ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं।