IT Raid on Bhaskar Group: सच पर आयकर का छापा, लेकिन फैक्ट खड़ा हिमालय की तरह

अभय पाण्डेय
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पटनाः अकबर इलाहाबादी का एक मशहूर शेर है- खींचो न कमानों को न तलवार निकालो, जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो। जी हां, व्यवसायिकता के इस दौर में जब देश के लगभग समाचार संस्थान सियासतदानों का चरणवंदन करने में जुटे हैं, वैसे में दैनिक भास्कर ने इस शेर को आत्मसात कर लिया। कर्तव्यों के निर्वहन में उसने हर उस ख़बर से रुबरु कराया जो कहीं ना कहीं किसी ना किसी दबाव में दम तोड़ रही थी। गुरुवार को दैनिक भास्कर के 30 ठिकानों पर इंकमटैक्स के रेड हुए। कहा जा रहा है कि यह रेड पुर्वाग्रह से ग्रसित थे और इसका मकसद खबरों की बेबाकी पर अंकुश लगान था।

इंकमटैक्स के इस रेड के बाबत दैनिक भास्कर का कहना है कि, “कोरोना की दूसरी लहर में लोगों की मौत का सच हो या ऑक्सीजन की कमी। वैक्सीन की बर्बादी हो या सरकारी लीपापोती। दैनिक भास्कर पूरी ताकत से देश के सामने सच्ची तस्वीर लाता रहा। शायद यह तस्वीर सरकार को बर्दाश्त नहीं हुई और उसने बेखौफ दैनिक भास्कर को अपनी ताकत से दबाने की कोशिश शुरू कर दी। गुरुवार को दैनिक भास्कर के 30 ठिकानों पर एक साथ आयकर छापे इसी का नतीजा हैं।“

भास्कर की बेबाक खबरों से कटघरे में सरकार की कार्यशैली

बता दें कोरोना त्रासदी में दैनिक भास्कर आम-आवाम से जुड़ी हर ख़बर को बारीकी से संकलित करने के साथ गंभीरता प्रकाशित करते रहा है। भास्कर की बेबाक खबरों ने सरकार की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कोरोना की दूसरी लहर में लोगों की मौत का सच हो या ऑक्सीजन की कमी। वैक्सीन की बर्बादी हो या सरकारी लीपापोती भास्कर हर खबर को निर्भिकता से एक्सपोज करते रहा है।

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जब सरकार ने छुपाए मौत के आंकड़े, भास्कर ने किया एक्सपोज

दैनिक भास्कर ने ही गुजरात सरकार के झूठ का पर्दाफाश किया था। गुजरात सरकार का दावा था एक महीने में राज्य में कोरोना से 1,043 मौत हुई थीं, जबकि भास्कर के मुताबिक अहमदाबाद के सिविल हॉस्पीटल में ही इस दौरान 1,450 मौतें हुईं।

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सच तो बोलो सरकार…

हेडलाईन, “लाशों का ढेर, आंकड़ों में हेरफेर” प्रकाशित करते हुए दैनिक भास्कर के नेशनल एडिटर सैटेलाइट ओम गौड़ ने लिखा था कि, ‘लाशों का दाग गंगा पर मढ़ दो पर सच तो बोलो सरकार; वे कहीं से भी बहकर आ रहे हों, पर हैं तो इंसानों के ही?’ इसके अलावें भास्कर ने अपनी खबरों में आक्सीजन की कमी से मौतों का दावा और उत्तर प्रदेश के उन्नाव में कोरोना काल के सबसे बड़े श्मशान से रिपोर्ट करते हुए लाशों पर अफसरों के मेले की पोल खोल दी थी।

छापेमारी से देश में हलचल, लोग कह रहे डर गई सरकार

भास्कर पर छापा के बाद देश में एक अलग तरह की हलचल पैदा हो गई है। जितने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म हैं उन सब पर #Dainikbhskar तेजी से ट्रेंड कर रहा है। लोग जहां दैनिक भास्कर के साथ खड़े नज़र आ रहे हैं वहीं कार्रवाई को लेकर सरकार की मंशा पर भी सवाल उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार डर गई है।

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आप एक युवा पत्रकार हैं। देश के कई प्रतिष्ठित समाचार चैनलों, अखबारों और पत्रिकाओं को बतौर संवाददाता अपनी सेवाएं दे चुके अभय ने वर्ष 2004 में PTN News के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। इनकी कई ख़बरों ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं।
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