गड़बड़ी की खबरों के बीच क्रूज वैसल एमवी गंगा विलास पटना पहुंचा

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पटनाः छपरा में डोरीगंज के पास गंगा नदी में जहाज के फंसने की खबरों के बीच क्रूज वैसल एमवी गंगा विलास सोमवार शाम पटना पहुंचा। भारत के अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने उन रिपोर्टों का खंडन किया कि क्रूज उथले नदी के पानी में फंस गया था। IWAI ने कहा कि क्रूज जहाज NW-1 पर अपने कार्यक्रम के अनुसार रवाना हुआ और 16 जनवरी को पटना पहुंचा।

IWAI कहा,”इस खबर में बिल्कुल सच्चाई नहीं है कि क्रूज वैसल एमवी गंगा विलास छपरा में फंस गया है। यात्रियों की सुरक्षा और गोपनीयता के आधार पर बैंक में पर्यटकों के लंगर डालने की जगह और परिवहन का तरीका क्रूज ऑपरेटर द्वारा तय किया जाता है।”

जहाज़ के नदी में फंसने की अफ़वाह टूर ऑपरेटरों और जिला अधिकारियों द्वारा बोर्ड पर पर्यटकों और लक्जरी ट्रिपल-डेक क्रूज़ के अंदर सुविधाओं के संबंध में उच्च स्तर की गोपनीयता बनाए रखने के कारण फैली। ऐसा कहा जाता है कि जहाज में पर्यटकों की लालसा और स्वाद को पूरा करने के लिए सब कुछ था।

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि क्रूज वैसल अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 13 जनवरी 2023 को गाजीपुर में एनडब्‍ल्‍यू-1 में लंगर डालकर, 14 जनवरी 2023 को बक्सर और 15 जनवरी 2023 को मौजमपुर (आरा) रवाना हुआ। क्रूज वैसल 16 जनवरी 2023 को डोरीगंज में रुकने के बाद 16 जनवरी 2023 को शाम 4.45 बजे पटना पहुंचा। अपनी पूरी यात्रा के दौरान जलमार्ग का स्तर पूरी तरह से बनाए रखा गया और नेविगेशन सुविधाओं के साथ आवश्यक तलछट की निगरानी की गई।

नियोजित यात्रा कार्यक्रम के अनुसार पर्यटकों ने किले के खंडहरों को देखने के लिए डोरीगंज सहित मार्ग में पड़ने वाले स्थलों का भी दौरा किया। पर्यटकों की सुरक्षा और एकान्‍तता सुनिश्चित करने के लिए टग बोट का उपयोग करके जहाज से किनारे तक ले जाया गया। डोरीगंज में जलमार्ग का तलछट पोत ड्राफ्ट की आवश्यकता 1.4 मीटर से 3.5 मीटर ऊपर है।

इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है कि जहाज छपरा में फंस गया है। जहाज के लंगर की जगह और पर्यटकों के किनारे पहुंचने के लिए परिवहन के बारे में फैसला क्रूज ऑपरेटर द्वारा अपने यात्रियों की सुरक्षा और एकान्‍तता के आधार पर तय किया जाता है।

बता दें, पीएम नरेंद्र मोदी ने 13 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज को हरी झंडी दिखाई थी। यह क्रूज वाराणसी से बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ तक कुल मिलाकर लगभग 3,200 यात्रा करेगा और बांग्लादेश में मेघना और असम में ब्रह्मपुत्र से होकर गुजरेगा। क्रूज में 18 सूट के साथ 80 यात्रियों की क्षमता है।

ऑपरेटरों ने यह भी कहा कि अपने ग्राहकों के साथ जहाज शेड्यूल के अनुसार चल रहा है और पटना में लंगर डाला गया है और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के बाद रवाना होगा।

उन्होंने कहा कि मेहमानों को किनारे तक ले जाने के लिए तकनीकी रूप से छोटी नावों की जरूरत होती है। “हमारे पास सुंदरबन और बाकी बंगाल के लिए भी यही व्यवस्था है। यह योजना हमेशा से रही है। हां, अगर जहाज किनारे के पास आता है, तो यह फंस सकता है और इसलिए स्थिति से बचने के लिए हम स्थानीय नावों का उपयोग करते हैं।

क्रूज यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम की कुल 27 नदी प्रणालियों से होकर गुजरेगी। यह बंगाल में भागीरथी, हुगली, विद्यावती, मालता और सुंदरबन नदी प्रणालियों में प्रवेश करेगा। बांग्लादेश में, यह बंगला में मेघना, पद्मा और जमुना से होकर गुजरेगी और फिर असम में ब्रह्मपुत्र में प्रवेश करेगी।

विश्व विरासत स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों, और बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों के दौरे के साथ क्रूज की योजना बनाई गई है।

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