पटनाः घर के अंदर सास-बहू के झगड़े आपने खूब देखे और सूने होंगे, लेकिन सियासत के मैदान में सास-बहू का यह झगड़ा बेहद ही दिलचस्प है। मामला नौबतपुर प्रखंड के गोनवां पंचायत का है। यहां सास और बहू दोनों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं और दोनों मुखिया पद की दावेदार हैं।
जानकारी के मुताबिक गोनवां पंचायत पर लगातार डेढ़ दशक से भी ज्यादा तक राजेन्द्र प्रसाद की फैमिली का कब्जा रहा है। पहले राजेन्द्र प्रसाद खुद 2006 से 2016 लगातार वहां के मुखिया रहे और 2016 के बाद उनकी पत्नी चंद्रावती देवी वहां की मुखिया हैं। लेकिन इस बार चुनाव में तस्वीर कुछ अलग हो सकती है, क्योंकि लड़ाई बाहर वाले से नहीं घर के अंदर वाले से है। टक्कर सास-बहू के बीच है।
दरअसल, वर्तमान मुखिया चंद्रावती देवी ने जिस मुखिया पद के लिए 20 सितंबर को अपना नॉमिनेशन दाखिल किया उसी पद के लिए उसी दिन उनकी एकलौती बहु खुशबू कुमारी ने भी उनके विरोध में नॉमिनेशन फाईल किया है। सास-बहू के बीच ठनी यह सियासी लड़ाई बेहद शुर्खियों में है। आलम यह है कि जिन वोटरों के बदौलत राजेन्द्र प्रसाद की फैमिली ने लगातार गोंनवां पंचायत पर कब्जा बनाए रखा है वह कंफ्यूज है कि वह अपना मत किसे दे।
इधर कुछ लोगों की माने तो इसके पिछे कुछ ना कुछ सियासी चाल है, क्योंकि राजेन्द्र प्रसाद का एकलौता बेटा जितेंद्र कुमार रेलवे में नौकरी करता है। जितेंद्र की पत्नी खुशबू घरेलू महिला है और तीन बेटियों की माँ है। घर का माहौल भी शांत है। परिवार में तनाव की कोई बात अब तक सामने नहीं आई, लेकिन अचानक सियासी मैदान में सास और बहू के आमने सामने आ जाने का मतलब हजम होने वाला नहीं। लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि दोनों में से कोई एक डमी कैंडिडेट होगा, जिससे पर्दा चुनाव के वक्त ही हटेगा।