फिल्म निर्माण फिर से शुरू करने के लिए एसओपी की घोषणा करेगी भारत सरकार

News Stump
Source: PIB

नई दिल्लीः भारत सरकार अनलॉक चरण में फिल्म निर्माण पुनः आरंभ किए जाने में तेजी लाने के लिए जल्द ही मानक संचालन प्रक्रियाएं (SOP) जारी करेगी। यह जानकारी केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मंगलवार को  फिक्की फ्रेम्स के 21वें संस्करण को संबोधित करते हुए दी। जावडेकर ने कहा, “कोविड के परिणाम स्वरूप बंद हो चुके फिल्म निर्माण को पुनः शुरू करने के लिए, हम टीवी धारावाहिकों, फिल्म निर्माण, सह निर्माण, एनीमेशन, गेमिंग सहित सभी क्षेत्रों में निर्माण को प्रोत्साहन देने जा रहे हैं। हम इन उपायों के बारे में जल्द ही ऐलान करेंगे।”

कोविड-19 महामारी के क्रम में मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग के इस वार्षिक कार्यक्रम का 2020 संस्करण वर्चुअल मोड में आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम में आम तौर पर मुंबई में पोवाई झील के निकट होता रहा है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड महामारी ने लोगों को संवाद के नए तरीकों के बारे में सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। वर्चुअल कार्यक्रम अब “नई सामान्य” बात बन गई है, लेकिन भागीदारियां वास्तविक हैं। उन्होंने कहा, कंटेंट निर्माण में भारत को लागत के लिहाज से अच्छी बढ़त हासिल है और भारतीय कंटेंट को दुनिया भर में 150 देशों में देखा जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने सभी हितधारकों से मिलकर काम करने और भारतीय मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र की ताकत को भुनाने का आह्वान किया है।

एक तकनीक सत्र में भागीदारी करते हुए सूचना एवं प्रसारण सचिव अमित खरे ने कहा कि फिल्मों में सरकार की भूमिका एक सुविधा प्रदाता की होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “नियमन में कमी सुनिश्चित करने के क्रम में विभिन्न नियामकीय ढांचे तैयार किए जाने चाहिए।” श्री खरे ने यह भी कहा कि कि सरकार मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग को इन्फ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने के लिए पूरा समर्थन दे रही है और साथ ही कहा कि इस दिशा में कुछ परिभाषाओं में बदलाव किए जाने की जरूरत है।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने अपने संबोधन में कहा कि हर संकट को अवसर में बदला जा सकता है और भारत को ऐसे 12-13 उभरते क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए जो टिकाऊ विकास हासिल करने और रोजगार सृजन के द्वारा वैश्विक स्तर पर चैम्पियन बन सकते हों। उन्होंने मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग को इन्हीं में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया है।

कुछ इसी तरह के विचार प्रकट करते हुए स्टार और डिज्नी इंडिया के चेयरमैन और उद्योग की प्रमुख शख्सियतों में से एक उदय शंकर ने कहा, “मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र रचनात्मक अर्थव्यवस्था का एक अहम भाग है। यह रोजगार और कारोबार पैदा कर सकता है, साथ ही भारत को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिला सकता है।” हालांकि, उन्होंने इस तथ्य पर अफसोस प्रकट किया कि भारतीय मीडिया उद्योग, विशेषकर प्रिंट, टीवी और डिजिटल क्षेत्र व्यापक स्तर पर विज्ञान राजस्व पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी से साबित हुआ है कि यह व्यवस्था उद्योग के लिए काफी नुकसानदेह है। उन्होंने कहा, “यदि उद्योग को आगे बढ़ना है तो उसे विज्ञापन पर निर्भरता कम करनी होगी।”

गूगल के संजय गुप्ता ने कोविड के चलते देश में मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग के सामने आईं बाधाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2020-21 में इस क्षेत्र का आकार 20 अरब डॉलर से घटकर 15 डॉलर पर आ सकता है, लेकिन इसमें ‘रचनात्मक ताकत’ के रूप में वापसी करने की पूरी क्षमता है। उन्होंने उद्योग के लिए कर ढांचे के सरलीकरण और सीमित विनियामकीय दृष्टिकोण को अपनाने का आह्वान किया, जिससे उद्योग अपनी पूरी क्षमताओं के साथ आगे बढ़ सकता है।

11 जुलाई को होने वाले फिक्की फ्रेम्स वर्चुअल सम्मेलन में उद्योग के अग्रणी विशेषज्ञ मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अपने विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। फिक्री फ्रेम्स, 2020 इटली पर केन्द्रित है।

Share This Article
Follow:
With the system... Against the system
Leave a Comment