क्या सुनील छेत्री को अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से सन्यास ले लेना चाहिए?

दीपक सेन

नई दिल्लीः सुनील छेत्री को भारतीय फुटबॉल का जादूगर कहा जाता है। भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने इंटरनेशनल स्तर पर अपनी अलग छाप छोड़ने के साथ ही क्लब फुटबॉल में बेंगलूरु एफसी के लिए कई कीर्तमान स्थापित किए हैं। साल 2005 में लाहौर में पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यु करने वाले छेत्री ने फुटबॉल में 15 साल पूरे कर लिए हैं। 35 साल के छेत्री ने भारत के लिए खेलते हुए 115 मैंचों में सर्वाधिक 72 गोल किए हैं। छेत्री इंटरनेशनल फुटबॉल में क्रिस्टियानो रोनाल्डो के बाद सबसे अधिक गोल करने वाले सक्रिय फुटबॉलर हैं।

इंटरनेशनल कॅरियर

साथ ही छेत्री ने देश को 2007, 2009, 2012 के नेहरू कप और 2011 की SAFF चैंपियनशिप जीतने में अहम भूमिका निभायी। 2008 के एएफसी चैलेंज कप को जीतकर भारत ने 27 वर्षों में पहली दफा एएफसी एशियाई कप के लिए क्वालीफाई किया।

क्षेत्री ने 2011 के एएफसी एशियाई कप में भारत का नेतृत्व किया और टूर्नामेंट में 2 गोल भी किए। छेत्री को 2007, 2011, 2013, 2014, 2017 और 2018-19 में छह बार एआईएफएफ ‘प्लेयर ऑफ द ईयर’ का खिताब भी दिया गया।

वैसे अमूमन फुटबॉल खिलाड़ी 33-34 साल के होने के साथ ही रिटायरमेंट ले लेते हैं और यह सवाल अब सुनील छेत्री के सामने खड़ा हो रहा है कि क्या अब उन्हें इंटरनेशनल फुटबॉल से सन्यास ले लेना चाहिए?

फुटबाल को अलविदा कहने का इरादा नहीं

हाल में AIFF TV के साथ फेसबुक लाइव में छेत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कहने की उनकी कोई योजना नहीं है। सोनम (छेत्री की पत्नी) अक्सर उनसे यह सवाल करती है कि आगे की क्या योजना है? इसके जवाब में सुनील कहते हैं कि वह अपने सबसे अच्छे समय पर हैं। वह फुटबॉल खेलने का मजा ले रहे हैं। और अपने को काफी फिट भी महसूस कर रहे हैं।

छेत्री ने कहा कि भारतीय टीम का नेतृत्व करना उनके लिए एक स्वप्न पूरा होने की तरह है। वह पिछले 15 साल से देश के लिए खेलते आ रहे हैं और आने वाले 3-4 साल तक देश के लिए खेल सकते हैं।
सुनील छेत्री के लिए 2011 सबसे सुनहरा साल था जब उन्होंने 17 अंतरराष्ट्रीय मैंचो में 13 गोल किए थे। वहीं, पिछले 3 सालों में छेत्री ने 23 अंतरराष्ट्रीय मैंचो में 20 गोल किए हैं। इससे यह जाहिर होता है कि छेत्री कितने अच्छे फॉर्म में चल रहे हैं। एक बेहतर गोल स्कोरर होने के साथ ही छेत्री की नेतृत्व क्षमता भी कमाल की है। अब सवाल यह है कि सुनील छेत्री के बाद कौन करेगा भारतीय टीम की कप्तानी?

छेत्री के बाद कौन?

भारतीय फुटबॉल टीम में कई ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ी हैं, जो टीम का नेतृत्व करने का दमखम रखते हैं।

गुरप्रीत सिंह संधु (गोलकीपर)

28 वर्षीय भारतीय गोलकीपर सुनील छेत्री के बाद टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों मे से एक हैं। वह किसी टॉप डिवीजन यूरोपियन क्लब के लिए खेलने वाले इकलौते खिलाड़ी हैं। संधु नॉर्व के फुटबॉल क्लब के लिए यूरोपा लीग का मैच खेला था और साथ ही टॉप डिवीजन क्लब के लिए खेलने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। साथ ही पिछले साल हुए एफसी एशियन कप के पहले मैच में उन्होंने टीम का नेतृत्व भी किया था।

संदेश झिंगन (डिफेंडर)

भारतीय फुटबॉल टीम के सेंटर बैक संदेश झिंगन का नाम भी फुटबॉल के चाहने वालों से अपरिचित नहीं हैं। 26 साल के सेंट्रल डिफेंडर झिंगन ने हमेशा अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। झिंगन इंडियन सुपर लीग में केरला ब्लास्टर्स के कप्तान भी हैं। संदेश झिंगन में बेहतर डिफेंडर होने के साथ गोल करने की क्षमता है। इस कारण उन्हें भारतीय फुटबॉल टीम के सर्जियो रामोस के नाम से जाना जाता है।

जेजे लालपेखुआ (फॉरवर्ड)

29 साल के जेजे लालपेखुआ सुनील छेत्री के बाद टीम के सबसे भरोसेमंद गोल स्कोरर हैं। सेंटर फारवर्ड जेजे हमेशा से टीम के लिए बेहतर गोल स्कोरर रहे हैं। जेजे लालपेखुआ इंडियन सुपर लीग में सबसे ज्यादा गोल करने वालों की सूची में दूसरे स्थान पर हैं।
इसके अलावा भी भारतीय फुटबॉल टीम में कई खिलाड़ी हैं। सुनील छेत्री के बाद टीम की अगुवाई कर सकते हैं।

Share This Article
मुख्य संपादक
Leave a Comment