PAHAL का प्रयास: कैंसर से बचना है तो जरूर लगवाएं ये टीके- डॉ दिवाकर तेजस्वी     

अभय पाण्डेय
Advertisements

पटनाः भारत सहित दुनिया के तमाम मुल्कों के सामने कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बना हुआ है। हर साल लाखों लोग अलग-अलग तरह के कैंसर की चपेट में आते हैं। यह दुनिया भर में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है, लेकिन इनसे बचा जा सकता है कई मामलों को टीकाकरण के माध्यम से रोका जा सकता है। यह कहना है Public Awareness For Healthful Approach For Living (PAHAL) के चिकित्सा निदेशक एवं वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. दिवाकर तेजस्वी का। डॉ तेजस्वी ने ये बातें पटना के एक्जीविशन रोड स्थित नेमा पैलेस के अपने क्लिनिक में Pahal के तत्वाधान में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम के दौरान कही।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों का हवाला देते हुए डॉ दिवाकर ने बताया कि कैंसर दुनिया के सभी देशों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बना हुआ है, जिससे भारत भी अछूता नहीं है।  भारत में हर साल कैंसर के लगभग 1,23,000 नए मामले दर्ज होते हैं, लेकिन टिकाकरण के जरिए इस पर लगाम कसा जा सकता है। कैंसर रोधी टीके, जैसे Human Papillomavirus (HPV) और हेपेटाइटिस-बी वैक्सिन इस लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। HPV टीका गर्भाशय के मुंह के कैंसर (Cervical Cancer) से बचाव करता है, जो भारतीय महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है। वहीं हेपेटाइटिस-बी का टीका यकृत कैंसर (Liver Cancer) के खतरे को कम करता है।

डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि सरकार ने हाल ही में 9-14 वर्ष की लड़कियों के लिए HPV टीके को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम (NIP) में शामिल किया है। 9 से 14 साल के बच्चों और किशोरों को दो खुराकें लगानी चाहिए, जबकि 15 से 26 साल के किशोरों और युवा वयस्कों को तीन खुराकें लगानी चाहिए। 11 से 12 साल के बच्चों को दो खुराकें लगवानी चाहिए, जो छह से 12 महीने के अंतराल पर दी जाती हैं। 15 साल की उम्र से पहले दोनों टीके लगवा लेने वाले किशोरों को केवल दो खुराक की आवश्यकता होती है। 9 से 45 साल की उम्र के पुरुष और महिलाएं टीका लगवा सकते हैं। 27 से 45 साल की उम्र के बिना टीकाकरण वाले पुरुषों और महिलाओं को डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

डॉ तेजस्वी ने बताया की टीकाकरण स्वास्थ्य सुरक्षा की पहली पंक्ति है। हमारा लक्ष्य है कि हर नागरिक को कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने के लिए समय रहते टीके लगें। एचपीवी टीका न केवल गर्भाशय के मुंह के कैंसर बल्कि मल द्वार के कैंसर से भी बचाता है। यह टीका सुरक्षित और प्रभावी है। 

डॉ. तेजस्वी ने स्पष्ट किया कि कैंसररोधी टीके दशकों के शोध पर आधारित हैं। इनके दुष्प्रभाव नगण्य हैं, लेकिन सुरक्षा अमूल्य है। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे अपने बच्चों और परिवार को निर्धारित टीकाकरण अवश्य दिलवाएं। साथ ही, नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने पर भी जोर दिया।

Advertisements

Share This Article
आप एक युवा पत्रकार हैं। देश के कई प्रतिष्ठित समाचार चैनलों, अखबारों और पत्रिकाओं को बतौर संवाददाता अपनी सेवाएं दे चुके अभय ने वर्ष 2004 में PTN News के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। इनकी कई ख़बरों ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं।