नई दिल्लीः पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल (Manpreet Singh Badal) ने बुधवार को कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। भाजपा में शामिल होने के बाद मनप्रीत सिंह बादल ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।
इस्तीफा देने से पहले मनप्रीत ने कांग्रेस की पंजाब इकाई पर “गुटबाजी” का समर्थन करने का आरोप लगाया था। मनप्रीत के पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग के साथ मतभेद थे। लगभग तीन दशक लंबे अपने राजनीतिक करियर में, यह चौथी पार्टी है जिसमें मनप्रीत शामिल हुए हैं।
मनप्रीत बादल ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लिखे पत्र में लिखा है कि दिल्ली में पुरुषों की एक मंडली पंजाब में मामलों को चला रही है और इससे केवल गुटबाजी बढ़ी है। मनप्रीत ने लिखा कि जिस तरह से कांग्रेस पार्टी ने अपने मामलों का संचालन किया है और फैसले लिए हैं, खासकर पंजाब के संबंध में, वह निराशाजनक है।
मनप्रीत सिंह अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल के भतीजे हैं। उन्होंने वर्ष 1995 में गिद्दड़बाहा उपचुनाव जीतकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी।