116 दिन बाद जांच कमिटी ने सौंपी पटना ‘जल प्रलय’ पर रिपोर्ट, दोषियों पर कार्रवाई की अनुशंसा

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पटनाः लगभग 6 माह पहले राजधानी में हुए भयानक जल जमाव (Water logging in Patna) के कारणों की जांच को लेकर गठित जांच कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस जांच रिपोर्ट में कमिटी ने पूर्व नगर निगम आयुक्त अनुपम सुमन और बुडको के तत्कालीन एमडी अमरेन्द्र प्रसाद सिंह को जलप्रलय का मुख्य दोषी माना गया है। इस मामले में इन दो अधिकारियों के अलावें कई और अधिकारी व कर्मचारी दोषी पाए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने नगर विकास विभाग दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की अनुशंसा कर दी है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पटना नगर निगम और बुडको के बीच तालमेल नहीं था, जिसकी वजह से पानी की निकासी समय पर नहीं हो सकी थी। साथ ही नगर निगम ने सभी नालों की उड़ाही सही ढंग से नहीं की थी। उड़ाही में सिर्फ़ खानापूर्ति की गई थी। कहा जा रहा है कि जल निकासी के लिए पूर्व से कोई तैयारी नहीं थी।

इससे पहले नगर विकास विभाग ने प्रथमदृष्टया बुडको के 11 अधिकारियों पर कार्रवाई थी, जिनमें एक चीफ इंजीनियर, दो सुपरिटेंडींग इंजीनियर और सात एक्जिक्यूटिव इंजीनियर शामिल थे। इसके अलावे पटना नगर निगम के भी दो एक्जिक्यूटिव इंजीनियर, एक सिटी मैनेजर और 6 सेनिटरी इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्यवाही की गई थी।

बता दें जलप्रलय के कारण बिहार देश ही नहीं विदेशों में भी चर्चा का विषय बना हुआ था। सरकार की भी काफी फजीहत हुई थी। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने 14 अक्टूबर को एक हाई लेवल मीटिंग की थी और पूरे मामले की जांच का आदेश दिया था। इसको लेकर विकास आयुक्त के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन भी किया गया था।

इस कमिटी में पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा, आपदा प्रबंधन सचिव प्रत्यय अमृत और वित्त सचिव एस सिद्धार्थ शामिल थे। इस कमिटी की अध्यक्षता विकास आयुक्त अरूण कुमार सिंह कर रहे थे।

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