दानिश को पहले पकड़ा जिंदा फिर कर दी हत्या, अमेरिकी पत्रिका का दावा

News Stump
Advertisements

वाशिंगटन: पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या तालिबान ने शिनाख्त के बाद जानबूझकर की थी। यह दावा अमेरिका की एक पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट में किया है। ‘वाशिंगटन एक्जामिनर’ ने बृहस्पतिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट कहा है कि दानिश ना तो अफगानिस्तान में गोलीबारी में फंसकर मारे गए, ना ही वह इन घटनाओं के दौरान हताहत हुए बल्कि तालिबान ने उनकी पहचान की पुष्टि करने के बाद ”क्रूरता से हत्या” की थी।

जब सिद्दीकी मारे गए थे तब वे समाचार एजेंसी रायटर्स की तरफ से अफगानिस्तान में स्पेशल असाइनमेंट पर थे। उनकी मौत कंधार शहर के स्पिन बोल्डक जिले में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करने के दौरान हुई थी। सिद्दीकी का शव 18 जुलाई की शाम दिल्ली हवाई अड्डे पर लाया गया और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया।

मस्जिद में हुआ था प्राथमिक उपचार

रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के साथ लगी सीमा क्रॉसिंग पर नियंत्रण के लिए अफगान बलों और तालिबान के बीच चल रही जंग को कवर करने के लिए सिद्दीकी ने अफगान नेशनल आर्मी टीम के साथ स्पिन बोल्डक क्षेत्र की यात्रा की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि उस हमले में सिद्दीकी को छर्रे लगे थे। घायल अवस्था में उन्हे नजदिक के मस्जिद में ले जाया गया, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार मिला। हालांकि, जैसे ही यह खबर फैली कि एक पत्रकार मस्जिद में है तालिबान ने हमला कर दिया। स्थानीय जांच से पता चला है कि तालिबान ने सिद्दीकी की मौजूदगी के कारण ही मस्जिद पर हमला किया था।

पहचान के बाद कर दी हत्या

रिपोर्ट में कहा गया, ” जब तालिबान ने सिद्दीकी पकड़ा था उस वक्त वे जिंदा थे। तालिबान ने सिद्दीकी की पहचान की पुष्टि की और फिर उन्हें और उनके साथ के लोगों को भी मार डाला। कमांडर और उनकी टीम के बाकी सदस्यों की मौत हो गई क्योंकि उन्होंने उसे बचाने की कोशिश की थी।”

Read also: दानिश सिद्दीकी को मारी थी कई गोलियां, पर तस्वीरों में हैं अब भी जिंदा

अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट में सीनियर फैलो माइकल रूबीन ने लिखा है, ”व्यापक रूप से प्रसारित एक तस्वीर में सिद्दीकी के चेहरे को पहचानने योग्य दिखाया गया है, हालांकि मैंने भारत सरकार के एक सूत्र द्वारा मुझे प्रदान की गई अन्य तस्वीरों और सिद्दीकी के शव के वीडियो की समीक्षा की, जिसमें दिखा कि तालिबान ने सिद्दीकी के सिर पर हमला किया और फिर उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया।”

रिपोर्ट में कहा गया, ”तालिबान का हमला करने, सिद्दीकी को मारने और फिर उनके शव को क्षत-विक्षत करने का निर्णय दर्शाता है कि वे युद्ध के नियमों या वैश्विक संधियों का सम्मान नहीं करते हैं।”

Advertisements

Share This Article
Follow:
With the system... Against the system
Leave a Comment