जानिए- कौन था वो गैंगस्टर जिससे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भी खाता था खौफ

अभय पाण्डेय

नई दिल्लीः देश में जब भी माफियाओं का जिक्र होता है, तो अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का नाम सबसे उपर आता है। 70 के दशक में इस माफिया डॉन ने मुंबई में रहते कई बड़े वारदातों को अंजाम दिया था। लेकिन आज हम बात दाऊद की नहीं बल्कि उससे भी बड़े गैंगस्टर की कर रहे हैं। कहा जाता है कि इस गैंगस्टर ने दाऊद इब्राहिम को भी ठीकाने लगाने की प्लानिंग कर ली थी। हम बात कर रहे हैं ग्रेजुएट से गैंगस्टर बने मान्या सुर्वे की।

साल 1969 में मान्या सुर्वे पर लगा था हत्या का पहला आरोप

मान्या सुर्वे का असली नाम मनोहर अर्जुन सुर्वे था। बताया जाता है कि ग्रेजुएशन करने के बाद मनोहर अर्जुन सुर्वे ने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। कहा जाता है कि मनोहर ने जरायम की दुनिया में मनोहर की इंट्री उसके सौतेले भाई भार्गव दादा ने कराई थी। मनोहर अर्जुन सुर्वे पर हत्या का पहला आरोप साल 1969 लगा था। इसके बाद उसने पिछे पलटकर नहीं देखा और मनोहर अर्जुन सुर्वे को मुंबई में मान्य सुर्वे के नाम से जाना जाने लगा।

पुलिसवालों को चकमा देकर अस्पताल से हो गया था फरार

हालांकि इस हत्याकांड के बाद वो पकड़ा गया था। रत्नागिरी में जेल में भूख हड़ताल करने की वजह से उसकी तबीयत खराब हो गई थी, जिसकी वजह से उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 14 नवंबर, 1979 को वो अस्पताल में पुलिसवालों को चकमा देकर फरार हो गया था। कहा जाता है कि जेल में रहने के दौरान मान्या सुर्वे और भी कुख्यात हो गया था।

12 फरवरी 1981 को मान्या ने मुंबई की सबसे खतरनाक वारदात को अंजाम दिया

फरार होने के बाद मान्या सुर्वे मुंबई आ गया था। यहां आकर मान्या सुर्वे ने एक खूंखार गैंग बनाया था। साल 1970-80 के दशक में मान्या सुर्वे का खौफ इतना ज्यादा था कि एक समय दाऊद इब्राहिम भी उससे खौफ खाता था। 12 फरवरी 1981 को मान्या ने मुंबई की सबसे खतरनाक वारदात को अंजाम दिया था। आरोप लगा कि उसने प्रभादेवी पेट्रोल पंप पर सबीर को मार गिराया। इस हत्याकांड ने दाऊद को हिला कर रख दिया था।

पुलिस कमिश्नर जूलियो रिबेरो ने मान्या को पकड़ने के लिए बनाया था स्पेशल पुलिस स्क्वॉड

इसके बाद मान्या सुर्वे ने मुंबई में लूट मार मचा दी। पुलिस की बेइज्जती होने लगी। आरोप भी लगने लगे। 1981 में पुलिस कमिश्नर जूलियो रिबेरो ने मान्या को पकड़ने के लिए एक स्पेशल पुलिस स्क्वॉड बनाया। इस स्पेशल पुलिस स्क्वॉड में इंसपेक्टर स्तर के लोग ही थे, जिनमे आइजैक सैमसन, यशवंत भिडे़, राजा तांबत, संजय परांदे और इशाक भगवान का नाम शामिल था।

11 जनवरी 1982 को मान्या सुर्वे कॉलेज में अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने आया था। वहां पुलिस मौजूद थी। उस वक्त इस गैंगस्टर को छह गोलियां मारी गईं। कहते हैं कि पुलिस उसे अस्पताल भी नहीं ले गई। गाड़ी में घुमाती रही तब तक कि वो मर नहीं गया। ये मुंबई का पहला पुलिस एनकाउंटर था। हालांकि, ये स्क्वॉड बस एक बड़े ऑपरेशन के लिए बना था।

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आप एक युवा पत्रकार हैं। देश के कई प्रतिष्ठित समाचार चैनलों, अखबारों और पत्रिकाओं को बतौर संवाददाता अपनी सेवाएं दे चुके अभय ने वर्ष 2004 में PTN News के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। इनकी कई ख़बरों ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं।
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