बेटियों के लिए मिसाल बनी लालू की बेटी रोहिणी आचार्या, किडनी देकर पिता को दिया नया जीवन

नई दिल्लीः लंबे वक्त से गुर्दे की बिमारी से पीड़ित बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव का आज गुर्दा प्रत्यारोपण का ऑपरेशन सफलता पूर्वक संपन्न हो गया। 74 वर्षीय लालू यादव सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती हैं, जहां एक्सपर्ट डॉक्टरों की चीम ने उनके गुर्दे का प्रत्यारोपण किया। प्रत्यारोपण के बाद अब उनकी हालत ठीक है, लेकिन कुछ दिन तक उन्हे अस्पताल में ही डॉक्टरों की निगरानी में रहना होगा। लेकिन इस बीच उनकी बेटी रोहिणी आचार्या की चर्चा देश भर में पुरे जोरो से हो रही है। लोग रोहिणी की चर्चा बेटियों के लिए एक मिसाल के तौर पर कर रहे हैं।

दरअसल, पिता की किडनी खराब होने की जानकारी मिलने के बाद से ही रोहिणी काफी परेशान थीं। वो किसी भी हालत में अपने पिता को इससे निजात दिलाना चाहती थीं इसके लिए उन्होंने ने अपनी किडनी डोनेट करने की पेशकश की, लेकि लालू यादव शुरुआत में नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी रोहिणी उनकी जिंदगी बचाने के लिए उन्हें अपनी किडनी डोनेट करें। रोहिणी ने ऐसा करने के लिए उन पर दबाव बनाया। काफी मान-मनौव्वल के बाद लालू इसके लिए तैयार हो गए और आज रोहिणी ने अपनी किडनी देकर अपने पिता को एक नया जीवन दे दिया।

रोहिणी ने किडनी डोनेट से पहले एक पोस्ट में लिखा था, ‘इस दुनिया में मुझे आवाज देने वाले पिता, जो मेरे लिए सब कुछ हैं, अगर मैं अपने जीवन का एक छोटा सा हिस्सा भी योगदान दे सकूं तो मैं बेहद भाग्यशाली महसूस करूंगी। माता और पिता इस धरती पर भगवान हैं और सभी उनकी सेवा करने का कर्तव्य निभाना चाहिए।’

रोहिणी ने आगे लिखा, ‘मेरे माता-पिता मेरे लिए भगवान हैं। मैं उनके लिए कुछ भी कर सकती हूं। आपकी शुभकामनाओं ने मुझे और मजबूत बनाया है। मैं आप सभी का दिल से आभार व्यक्त करती हूं। मुझे सभी से विशेष प्यार और सम्मान मिल रहा है। मैं भावुक हो गई हूं ।मैं आप सभी को दिल से धन्यवाद कहना चाहती हूं।’

रोहिणी आचार्या, लालू-राबड़ी के 9 संतानों में दूसरे स्थान पर हैं। जमशेदपुर के एमजीएम से MBBS की पढाई कर चुकी रोहिणी पेशे से एक डॉक्टर हैं। राहिणी ने साल 2002 में अमेरिका बेस सॉफ्टवेयर इंजीनियर समरेश सिंह से शादी की थी। समरेश सिंह फिलहाल प्रेजेंट में एवरकोर पार्टनर्स नाम की कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर हैं और रोहिणी के साथ ही सिंगापुर में सेटल हैं।

आज रोहिणी आचार्या को लोग बोटियों के लिए एक मिसाल की तरह पेश कर रहे हैं। हर तरफ उनकी ही चर्चा हो रही है। कल तक सोशल मीडिया पर आलोचना करने वाले भी आज अनकी तारीफ करते नहीं थक रहे।

News Stump
News Stumphttps://www.newsstump.com
With the system... Against the system