Parakram Diwas 2023: परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर अंडमान-निकोबार के 21 द्वीपों का नामाकरण

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नई दिल्लीः नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंति “पराक्रम दिवस” पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांलि अर्पित करते हुए एक बड़ी घोषणा की है। सोमवार को “पराक्रम दिवस” के अवसर पर आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री ने अंडमान और निकोबार के इक्कीस बड़े अज्ञात द्वीपों का नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखा। इसके अलावें नेताजी की 126वीं जयंति पर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को समर्पित एक प्रस्तावित स्मारक के मॉडल का भी उद्घाटन किया। इसमें एक संग्रहालय, एक केबल कार रोपवे, एक लेजर-एंड-साउंड शो, ऐतिहासिक इमारतों के माध्यम से एक निर्देशित विरासत मार्ग और एक थीम-आधारित बच्चों का मनोरंजन पार्क होगा।

21 परमवीर चक्र पुरस्कार विजेता, जिनके नाम पर द्वीपों का नाम रखा गया है उनमें मेजर सोमनाथ शर्मा; सूबेदार और मानद कप्तान (तत्कालीन लांस नायक) करम सिंह, एम.एम.; द्वितीय लेफ्टिनेंट राम राघोबा राणे; नायक जदुनाथ सिंह; कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह; कैप्टन जीएस सलारिया; लेफ्टिनेंट कर्नल (तत्कालीन मेजर) धन सिंह थापा; सूबेदार जोगिंदर सिंह; मेजर शैतान सिंह; सीक्यूएमएच। अब्दुल हमीद; लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर; लांस नायक अल्बर्ट एक्का; मेजर होशियार सिंह; द्वितीय लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल; फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों; मेजर रामास्वामी परमेश्वरन; नायब सूबेदार बाना सिंह; कप्तान विक्रम बत्रा; लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे; सूबेदार मेजर (तत्कालीन राइफलमैन) संजय कुमार; और सूबेदार मेजर सेवानिवृत्त (माननीय कप्तान) ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव का नाम शामिल है।

एक अधिकारी के मुताबिक, “केंद्र सरकार ने परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित करने के लिए यह पहल की है। 21 द्वीपों में से 16 उत्तर और मध्य अंडमान जिले में और पांच दक्षिण अंडमान में स्थित हैं।”

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वीपसमूह के दो दिवसीय दौरे पर रविवार रात पोर्ट ब्लेयर पहुंचे, जहां उनका विकास का जायजा लेने के अलावा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम है। गतिविधियाँ।

शाह के दिन में राष्ट्रीय ध्वज फहराने और नेताजी स्टेडियम में सार्वजनिक भाषण देने की संभावना है – वही स्थान जहां स्वतंत्रता सेनानी ने 30 दिसंबर, 1943 को तिरंगा फहराया था। उस समय स्टेडियम को जिमखाना ग्राउंड के नाम से जाना जाता था। शाह यहां सेल्युलर जेल भी जा सकते हैं।

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