BJP के खिलाफ विपक्ष का साथ आना जरूरी, बाद में हो सकता है नेता का फैसला- नीतीश कुमार

नई दिल्लीः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि अगर देश के विभिन्न हिस्सों में सभी गैर-बीजेपी पार्टियां एक साथ आ जाएं तो देश में एक अच्छा माहौल बनेगा। नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्ष के लिए एक साथ आना महत्वपूर्ण है और इस तरह के गठबंधन के नेता का फैसला बाद में किया जा सकता है। कुमार ने यह टिप्पणी नई दिल्ली में अपने आवास पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात के बाद की।

कुमार ने कहा, “शरद पवार और मैं दोनों विपक्षी ताकतों को एकजुट करना चाहते हैं जो भाजपा के साथ नहीं हैं।” “गठबंधन का नेता बाद में तय किया जा सकता है। पहले एक साथ आना महत्वपूर्ण है।”

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष के नेताओं को भाजपा के खिलाफ एकजुट करने के प्रयास में राष्ट्रीय राजधानी के तीन दिवसीय दौरे पर आए कुमार कई लोगों से मुलाकात कर चुके हैं। सोमवार से, उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा, इंडियन नेशनल लोक दल के प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला और समाजवादी पार्टी के नेताओं मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव से मुलाकात की है।

इस दौरे के क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं हो पाने को लेकर नीतीश ने कहा कि सोनिया जब विदेश से लौटेंगी तब वह फिर एक बार दिल्ली आएंगे और उनसे मुलाकात करेंगे।

कुमार ने कहा, “मैं दिल्ली में सभी लोगों से मिला हूं और उनमें से कई लोगों ने एनडीए से बाहर आने के लिए मुझे धन्यवाद दिया है। हर कोई चाहता है कि हर राज्य में एकता हो और आने वाले दिनों में देश में ऐसा माहौल बने।”

कुमार ने यह भी कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पृष्ठभूमि वाले वाम दलों और अन्य के बीच एक समझ देश के हित में होगी। उन्होंने कहा कि अगर देश के विभिन्न हिस्सों में सभी गैर-बीजेपी पार्टियां एक साथ आ जाएं तो देश में एक अच्छा माहौल बनेगा। उन्होंने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वह एकतरफा एजेंडा चला रही है और इसके प्रयास ज्यादातर देश में तनाव पैदा करने पर केंद्रित हैं। कुमार ने कहा, “इस सरकार ने बहुत कम काम किया है, लेकिन यह प्रचार पर बहुत जोर देता है।”

बता दें, 9 अगस्त को बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने और अगले दिन सरकार बनाने के लिए महागठबंधन के साथ हाथ मिलाने के बाद से कुमार का दिल्ली का पहला दौरा है। इस दौरे को लेकर देश की सियासत में नया मोड़ आ गया है।

News Stump
News Stumphttps://www.newsstump.com
With the system... Against the system