CBI की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाना मतलब लोकतंत्र पर अविश्वास- राजेश भट्ट

पटनाः सीबीआई देश की स्वतंत्र निष्पक्ष जाँच एजेंसी है, उसकी कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाने का मतलब है लोकतंत्र पर अविश्वास जताना। यह कहना है लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता राजेश भट्ट (Rajesh Bhatt) का। राजद सुप्रीमों लालू यादव, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी और मौजूदा डिप्टी सीएंम तेजस्वी यादव व उनके अन्य परिजनों के खिलाफ CBI की कार्रवाई पर बोलते हुए भट्ट ने कहा कि CBI और ED जैसी जांच एजेंसियां किसी के प्रभाव में नहीं बल्कि स्वतंत्र रुप से कार्य करती हैं। उनके कार्यशैली पर संदेह करना लोकतंत्र के वजूद पर संदेह करने जैसा है।

लोजपा (रा) नेता ने कहा कि लालू यादव जी और उनके परिजनों ने कोई गड़बड़ी ही नहीं कि तो CBI की कार्रवाई से बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं। लोकतंत्र में कानून सिर्फ गुनाहगारों को ही सजा देती है, निर्दोष लोगों को नहीं। लालू जी और उनका परिवार अगर निर्दोष है तो CBI उनका कुछ नहीं बिगाड़ पायेगी। उन्हें सिस्टम पर भरोषा रखना चाहिए और इस जाँच में CBI का सहयोग करना चाहिए, ना कि विरोध।

LJP (R) प्रवक्ता ने कहा कि न्यायालय का फैसला जब अपने हक में आता है, तो लोग न्याय प्रणाली की तारीफ़ करते हैं और लड्डू बांटते हैं, लेकिन जब फैसला पक्ष में नहीं आता, तो उसी अदालत की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाने लगते हैं। सच तो यह है कि देश में न्यायपालिका, CBI और ED जैसी निष्पक्ष स्वतंत्र संस्थाएं ही हैं जो लोकतंत्र को मजबूत बनाती हैं। इन संस्थाओं की नज़र में देश का एक-एक नागरिक समान है। वह ना तो किसी के साथ पक्षपात करती हैं और ना ही किसी को पक्षपात करने इजाजत देती हैं। भट्ट ने कहा कि एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। लालू ऐंड फैमीलि को भी चाहिए कि खुद के निर्दोष साबित होने तक एजेंसियों के काम में सहयोग करें।

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