टोक्यो: जापान दुनिया के सबसे बेहतरीन स्टील्थ फाइटर जेट्स बनाने जा रहा है। यह स्टील्थ फाइटर जेट्स दो इंजन वाले होंगे और अगले कुछ साल में तैयार हो जाएंगे। डिफेंस मिनिस्ट्री ने इस प्रोजेक्ट की जानकारी संसद को दे दी है। माना जा रहा है कि चीन की तरफ से सेनकाकू आईलैंड और दूसरे विवादों में जापान को सैन्य टकराव की आशंका है। लिहाजा, वह अपनी तरफ से तैयारियां पुख्ता करने जा रहा है।
इस बीच, अमेरिका और जापान के बीच एफ-35 फाइटर जेट्स की डील भी हो गई है। अमेरिका के इन फाइटर जेट्स को अपनी कैटेगरी में बेहद खतरनाक माना जाता है।
सिक्स्थ जेनरेशन स्टील्थ फाइटर जेट्स
जापान के पास फिलहाल अमेरिका में बने 100 एफ-2 फाइटर जेट्स हैं। वह अब अपनी एयरफोर्स को नए सिरे से तैयार कर रहा है। उसका पूरा फोकस चीन से निपटने पर है। जापान के पास टेक्नोलॉजी भी है
और दूसरे रिर्सोसेस भी। लिहाजा, उसने स्टील्थ फाइटर प्रोजेक्ट को तेजी से बढ़ाना शुरू कर दिया है। सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2031 तक जापान स्टील्थ फाइटर जेट्स की पूरी फ्लीट तैयार कर लेगा
और सहयोगी देशों को इन्हें बेच भी सकेगा।
अमेरिका से बराबरी
स्टील्थ फाइटर जेट्स के मामले में अमेरिका इस वक्त दुनिया में सबसे आगे है। ऑस्ट्रेलिया पहले ही इस पर काम शुरू कर चुका है। अब जापान भी इसी नक्शेकदम पर चल पड़ा है। उसने शुरुआती बजट 6100 लाख डॉलर रखा है।
इसके अलावा वो मिलिट्री ड्रोन प्रोजेक्ट भी आगे बढ़ाएगा।
स्टील्थ में ये खूबियां हो सकती हैं
जापान के स्टील्थ फाइटर जेट्स में मिसाइल इस तरह से फिट होंगी जो एक साथ दुश्मन के कई एयरक्राफ्ट्स को निशाना बना सकें। इसे इंटीग्रेटेड फायर कंट्रोल नेटवर्क शूटिंग कहते हैं।
अमेरिका के एफ-22 स्टील्थ फाइटर जेट्स से बेहतर हथियार रखने की कैपेसिटी होगी। यह बेहद तेजी से पलट सकेंगे और उसी रफ्तार से निशाना भी लगा सकेंगे। डिफेंस मिनिस्टर तारो कोनो ने पिछले महीने
साफ कहा था कि अब चीन से मुकाबले के लिए जापान को कमर कस लेनी चाहिए।
अमेरिकी एफ-35 भी खरीदेगा
जापान ने चीन से मुकाबले की तैयारी भी शुरू कर दी है। उसने काफी महंगे लेकिन, बेहद खतरनाक अमेरिकी एफ-35 फाइटर जेट्स को खरीदने की प्रॉसेस पूरी कर ली है। जापान सरकार ने 100 एफ-35 खरीदने
की डील कर ली है। अगले महीने पहला फाइटर जेट मिल सकता है। इनके अलावा जापान अमेरिका से ही 42 एफ-35बी जेट्स भी खरीदेगा। यह वर्टिकल लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला फाइटर एयरक्राफ्ट है।
जापान की नेवी के लिए इसकी काफी अहमियत है।