1984 बैच के सेवानीवृत IAS अनूप चंद्र पण्डेय ने संभाला नए निर्वाचन आयुक्त का पदभार

नई दिल्लीः अनूप चंद्र पाण्डेय ने आज भारत के नए निर्वाचन आयुक्त (EC) के रूप में पदभार ग्रहण किया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा की अध्यक्षता वाले भारत के निर्वाचन आयोग में निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के साथ पांडे तीन सदस्यीय निकाय में दूसरे निर्वाचन आयुक्त के रूप में शामिल हुए।

अनूप चंद्र पाण्डेय 1984 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रह चुके हैं। पाण्डेय का जन्म 15 फरवरी, 1959 को हुआ था। भारत सरकार की लगभग 37 वर्षों की प्रतिष्ठित सेवा अवधि के दौरान, पाण्डेय  ने केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों और उत्तर प्रदेश के अपने राज्य संवर्ग में काम किया है।

पेशे से नौकरशाह अनूप चंद्र पाण्डेय ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री और पंजाब विश्वविद्यालय से सामग्री प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है। इतिहास के अध्ययन में गहरी रुचि रखने वाले अनूप चंद्र पाण्डेय ने मगध विश्वविद्यालय से प्राचीन भारतीय इतिहास में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है।

पाण्डेय अगस्त 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए। भारत के निर्वाचन आयोग में शामिल होने से पहले, पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय हरित अधिकरण निरीक्षण समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में उनके प्रशासनिक नेतृत्व में, राज्य ने 2019 में प्रयागराज में कुंभ मेला और वाराणसी दिवस में प्रवासी भारतीय दिवस समारोह का सफलतापूर्वक आयोजन किया।

इससे पहले, उत्तर प्रदेश में अनूप चंद्र ने राज्य के औद्योगिक विकास आयुक्त के रूप में कार्य किया और 2018 में लखनऊ में एक विशाल निवेशक सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन किया। उन्होंने एकल खिडकी निवेश मित्र पोर्टल सहित उद्योगों और व्यापार क्षेत्र में विभिन्न नीतिगत सुधारों की शुरुआत की।

उत्तर प्रदेश सरकार में अपर मुख्य सचिव (वित्त) के रूप में पाण्डेय के प्रयासों से उत्तर प्रदेश कृषि ऋण माफी योजना की सफल डिजाइनिंग, योजना और कार्यान्वयन किया गया।

पाण्डेय ने केंद्र सरकार में अपनी प्रतिनियुक्ति के दौरान विविध विभागों में कार्यभार संभाला है। उन्होंने भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव तथा श्रम और रोजगार मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने जी-20 और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन जैसे विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व किया। वह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और उपभोक्ता कार्य विभाग में निदेशक भी रह चुके हैं।

पाण्डेय की लेखन में गहरी रुचि है। उन्होंने “प्राचीन भारत में शासन” नामक एक पुस्तक लिखी है, जो ऋग्वैदिक काल से 650 ईस्वी तक प्राचीन भारतीय नागरिक सेवा के विकास, प्रकृति, कार्यक्षेत्र, कार्यों और सभी संबंधित पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान करती है।