जानिए, क्या होता है गाड़ियों पर लगी अलग-अलग रंगों के नंबर प्लेट का मतलब

नई दिल्ली: दुनिया भर में सड़क पर चलने वाली गाड़ी पर नंबर प्लेट जरूर होती है। इस पर गाड़ी का नंबर अंकित होता है। भारत में ये नंबर राज्यों और जिलों के गाड़ी की पहचान बताते हैं।

नंबर प्लेट की बात करें तो इसका रंग अलग-अलग होता है। इससे उस वाहन की विशेष स्थिति पता चलता है। गाड़ी के नंबर प्लेट के रंगों को लेकर सरकार की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है।

परिवहन मंत्रालय ने कहा कि इस नोटिफिकेशन में कुछ भी नया नहीं जोड़ा है। भारत में वाहनों में 7 कलर्स की नंबर प्लेट होती है। इन नंबर प्लेट बैकग्राउंड का रंग सफेद, नीला, पीला, लाल, हरा, काला और तीर निशान के होते हैं।

नंबर प्लेट के रंगों का मतलब

सरकार ने स्पष्ट किया है कि बैटरी से चलने वाले वाहनों पर हरे रंग की नंबर प्लेट और उस पर पीले रंग से गाड़ी का नंबर लिखने का काम पहले की तरह जारी रहेगा।

इसी प्रकार सफेद नंबर प्लेट पर काले अंक आम गाड़ियों के लिए, पीली नंबर प्लेट पर काले अंक कमर्शियल गाड़ियों की और नीली प्लेट पर सफेद अंक विदेशी प्रतिनिधियों के लिए इस्तेमाल होती है।

इसी तरह, काले रंग की नंबर प्लेट पर पीले अंक वाली गाड़ियां भी कमर्शियल तो होती हैं। लेकिन ये किसी खास व्यक्ति के लिए अधिकृत होती हैं।

सैन्य वाहनों के लिए अलग नंबरिंग प्रणाली

सैन्य वाहनों के लिए अलग तरह की नंबरिंग प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसी गाड़ियों की नंबर प्लेट में नंबर के पहले या तीसरे अंक के स्थान पर ऊपरी ओर इशारा करते तीर का निशान होता है, जिसे ‘ब्रॉड एरो’ कहा जाता है।

अगर किसी गाड़ी में लाल रंग की नंबर प्लेट होती है और भारत का प्रतीक चिह्न बने होते हैं। वह गाड़ी भारत के राष्ट्रपति या फिर किसी राज्य के राज्यपाल की होती है।

अस्थायी रजिस्ट्रेशन की नंबर प्लेट

इसके साथ ही सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है। इसमें कहा गया है कि वाहनों के अस्थायी रजिस्ट्रेशन की नंबर प्लेट पीले रंग की होगी।

इस पर लाल रंग से अक्षर-अंक लिखे होंगे, जबकि डीलरों के पास रखे वाहनों पर नंबर प्लेट लाल रंग की होगी, जिस पर सफेद रंग से अक्षर-अंक लिखे होंगे।

यह नोटिफिकेशन सिर्फ वाहनों के नंबर प्लेट की बैकग्राउंड और उस पर अंकित अक्षर-अंक के रंगों से जुड़ी अस्पष्टता दूर करने के लिए जारी की गई।