नई दिल्लीः द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। वह देश में सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, एस जयशंकर, अमित शाह सहित अन्य की उपस्थिति में मुर्मू को शपथ दिलाई।
सुबह 10 बजे द्रौपदी मुर्मू संसद भवन के सेंट्रल हृल पहुंची और देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ ली। इस दौरान उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। शपथ ग्रहण समारोह में ओडिशा के मयूरभंज जिले से आए 64 खास मेहमानों ने भी शिरकत की, जिन्हे द्रौपदी ने निमंत्रण देकर बुलाया है। शपथ के बाद खास मेहमानों के लिए राष्ट्रपति भवन में लंच का आयोजन किया गया और उसके बाद सभी को पूरा भवन घुमाया गया।
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भारत की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि जब भारत आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है, उस समय पदभार संभालना उनके लिए सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि वह स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाली पहली राष्ट्रपति हैं।
निवर्तमान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रविवार को अपने विदाई संबोधन में चेतावनी दी कि जलवायु संकट ग्रह के भविष्य को खतरे में डाल सकता है। “माँ प्रकृति गहरी पीड़ा में है, और जलवायु संकट इस ग्रह के भविष्य को खतरे में डाल सकता है। हमें अपने बच्चों की खातिर अपने पर्यावरण, अपनी जमीन, हवा और पानी का ध्यान रखना चाहिए।
#DroupadiMurmu takes oath as the 15th President of India.
She is the second woman President of the country and first-ever tribal woman to hold the highest Constitutional post pic.twitter.com/pRGcrquRda
— PIB India (@PIB_India) July 25, 2022